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Last Modified: शनिवार, 28 जून 2025 (18:26 IST)

30 जून को खंडवा में जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन, उत्कृष्ट कार्य करने वाले 3 जिलों का होगा सम्मान

Jal Ganga Conservation Campaign
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में वर्षा के जल को संग्रहित करने और पुराने जल स्रोतों के जीर्णोद्धार के लिये पूरे प्रदेश में 30 मार्च से शुरु हुए जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन 30 जून को खंडवा में होने जा रहा है। खंडवा में होने वाले समापन कार्यक्रम में  जल संचयन और इसके संवर्धन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रथम तीन जिलों के सम्मानित किया जाएगा। प्रथम तीन जिलों के नामों की घोषणा भी खण्डवा में आयोजित जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन समारोह एवं वाटरशेड सम्मेलन में की जाएगी।

जल गंगा संवर्धन अभियान को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जनभागीदारी पर केन्द्रित इस अभियान में व्यापक सफलता मिली है। प्रदेश के सभी जिलों में जिला प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और आम नागरिकों ने भी अभियान में अपनी सहभागिता निभाई है। परिणामस्वरूप प्रदेश में व्यापक जल संरचनाओं का निर्माण, नदियों के उदगम स्थल का सौन्दर्यीकरण सहित जल संवर्धन के अनेक कार्य हुए हैं। प्रदेश का खण्डवा जिला जल संरचनाओं के इस अभियान में देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने बताया कि आगामी माहों में जल गंगा संवर्धन अभियान के बाद अब पौध-रोपण का व्यापक अभियान चलाया जायेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जल हमारे सुनहरे और समृद्ध भविष्य का मूल आधार है। जल सहेजकर ही हम अपने अस्तित्व और अपनी भावी पीढ़ी का भविष्य संवार सकते हैं। समाज और सरकार की साझेदारी और सबके सक्रिय सहयोग से ही जल गंगा संवर्धन अभियान एक जन आंदोलन बना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान में प्रदेश में हुए उल्लेखनीय कामों से प्रेरणा लेकर सभी जिलों में ऐसे जल संरक्षण के कामों को बढ़ावा दिया जाएगा।

नर्मदा परिक्रमा पथ पर चिन्हित आश्रय स्थलों पर किया जाएगा पौधरोपण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में मां नर्मदा परिक्रमा पथ पर चिन्हित करीब 224 से अधिक आश्रय स्थलों पर पौधारोपण भी कराएगी। इससे यह सम्पूर्ण परिक्रमा पथ श्रद्धालुओं और पथिकों के लिए सुविधाजनक, बेहतर और आकर्षक बनेगा। जल गंगा संवर्धन अभियान में जन अभियान परिषद् ने इस अभियान में सक्रियतापूर्वक भागीदारी करते हुए 40 लाख लोगों को जल संचय और संवर्धन के साथ-साथ जल संरक्षण के कार्यों से जोड़ा है।
 
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