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Last Modified: सोमवार, 23 जनवरी 2023 (22:08 IST)

अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2022 : MP में आईटी के लिए अपार संभावनाएं, मील का पत्थर साबित होगी COEs की स्थापना

अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2022 : MP में आईटी के लिए अपार संभावनाएं, मील का पत्थर साबित होगी COEs की स्थापना - iisf 8th india international science festival in bhopal
भोपाल। 8वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2022, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग एवं विज्ञान भारती द्वारा 21 से 24 जनवरी के मध्य भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। इसमें स्कूली एवं महाविद्यालयीन विद्यार्थी, उच्च शिक्षा शोधार्थी, वैज्ञानिक, उद्योग जगत के विशेषज्ञ शिक्षकगण एवं समाज के विभिन्न वर्ग हिस्सा ले रहे हैं। 
 
अरविंद कुमार (महानिदेशक, सॉफ्टवेयर, टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई)- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, भारत सरकार) ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधन दिया। 
 
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आईटी की अपार संभावनाएं हैं और एग्रीटेक क्षेत्र में एक और सेंटर ऑफ एन्टरप्रेन्योरशिप को सहभागिता आधार पर खोला जा सकता है। साथ ही उन्होंने एसटीपीआई द्वारा स्टार्टअप्स के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे NGIS और COE पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि  सेंटर ऑफ़ एन्टरप्रेन्योरशिप (COEs) की स्थापना एक मील का पत्‍थर साबित होगी।
अरविंद कुमार ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों के नवाचार के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देने और भारत को 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के प्रयास में एसटीपीआई ने अगली पीढ़ी को ऊष्मायन योजना को लागू किया। यह आईटी के क्षेत्र में उत्पाद विकास में काम कर रहे स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एमईआईटीवाई द्वारा एक योजना है जिसमें उन्हें 25 लाख तक सीड फंडिंग और अन्य कई लाभ दिए जा रहे हैं।
 
अरविंद कुमार ने आगे बताया कि भारत सरकार की मंशा के अनुसार स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लक्ष्य हेतु सॉफ्टवेयर, टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफइंडिया ने 22 सीओई की स्थापना की है।

एसटीपीआई-सीओई द्वारा नवीन स्टार्टअप्स को सहयोग देने के लिए बुनियादी ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर लैब), नॉलेज एंड हैंड होल्डिंग, फंडिंग एंड इन्वेस्टमेंट के अवसरों, उभरती प्रौद्योगिकियों में नवीन स्टार्टअप्स को पोषण देने और नेटवर्किंग करने और भारत को 'उत्पाद राष्ट्र' बनाने के लिए 360 डिग्री पारिस्थितिकी तंत्र को सीओई की योजना के द्वारा उपलब्ध कराया गया है।
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