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Written By नृपेंद्र गुप्ता

धार के गांवों से Ground Report : अप्रैल की तुलना में मई में घटी है Corona संक्रमण की दर

धार के गांवों से Ground Report : अप्रैल की तुलना में मई में घटी है Corona संक्रमण की दर - Ground Report from Dhar district of Madhya Pradesh
धार। मध्यप्रदेश के धार में अप्रैल की तुलना में मई में संक्रमण की दरों में कमी आई है। शहरी क्षेत्र के साथ ही प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी सख्‍ती से लॉकडाउन लागू कर रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से संक्रमण फैलने के बाद इसकी रोकथाम के लिए कई कदम उठाए गए और इसका असर भी दिखाई दे रहा है।

जिले में संक्रमण की दर 15.6 से घटकर 10 पर पहुंच गई। नए मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्‍या में भी इजाफा हो रहा है। मांडव में स्थिति गंभीर नजर आ रही है तो अमझेरा में हालत तेजी से सुधरते दिखाई दे रहे हैं। रिगंनोद में स्थिति पूरी तरह नियंत्रित दिखाई दे रही है।

धरमपुरी के पूर्व विधायक और मांडव में रहने वाले कालू सिंह ठाकुर ने बताया कि यहां फिलहाल कोरोना के 25-30 एक्टिव मामले हैं। 31 किमी क्षेत्र में फैले मांडव को 15 वार्ड में बांटा गया है और 9000 की आबादी वाले इस ऐतिहासिक स्थल पर मात्र एक डॉक्टर और 2 सहायक है। यहां मरीजों के लिए कोरोना टेस्टिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए धरमपुरी या नालछा जाना पड़ता है। नालछा में भी रोज मात्र 25 से 30 लोगों की जांच की ही व्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि यहां से मरीजों को इलाज या जांच के लिए बाहर ले जाना भी खासा परेशानी भरा है। यहां पहले एक एंबुलेंस हुआ करती थी, जो अब पीथमपुर के अस्पताल में पहुंचा दी गई।

रिंगनोद के अशहद कुरैशी ने बताया कि गांव की आबादी 5 हजार के करीब है। गांव में पुलिस की काफी सख्ती है और लोगों में कोरोना के प्रति डर भी दिखाई दे रहा है। इस वजह से ज्यादा लोग यहां से नहीं निकलते। पछले 1 हफ्ते में यहां कोरोना का एक भी केस नहीं निकला है, टाइफाइड के भी ज्यादा मरीज यहां नहीं है। हालांकि पहले कोरोना की वजह से 3-4 लोगों की मौत हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि रिंगनोद में एक डॉक्टर है और कोरोना की जांच के लिए 8 किलोमीटर दूर मोहनखेड़ा जाना होता है। पास ही में स्थित सरदारपुर शहर में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हैं। वहां 6-7 अच्छे डॉक्टर हैं। 
 
अमझेरा के अखिलेश चंदेरिया ने बताया कि 15 हजार की आबादी वाले इस गांव में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया रहा है। सख्ती ज्यादा होने की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। यहां स्वास्‍थ्य सेवाएं बेहतर है। जांच के लिए कोविड सेंटर भी बनाया गया है। एक सेवा संस्था भी है जिसके माध्यम से ऑक्सीमीटर से लेकर ऑक्सीजन तक सभी सुविधाएं जुटा ली गई है।

डॉ. चौधरी ने बताया कि यहां फिलहाल एक भी गंभीर मरीज नहीं है। हाल ही में 10 से 15 कोरोना मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 5-7 मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। यहां टेस्टिंग से लेकर मरीजों के इलाज तक सभी सुवधाएं उपलब्ध है।
 
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