Corona Curfew in Indore : इंदौर में 29 मई तक जनता कर्फ्यू, दुकान खोलने के नियमों में बदलाव
इंदौर। इंदौर जिले में जनता कर्फ्यू को 29 मई 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही प्रशासन ने किराना दुकानें खोलने के नियमों में भी बदलाव किया है। कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा जारी किए गए नए आदेश जारी किए गए हैं। राशन से संबंधित थोक दुकानें इन्दौर शहर के 4 स्थानों पर मुख्य रूप से सियागंज, मल्हारगंज, धानगली, मालवा मिल क्षेत्र और छावनी क्षेत्र में है।
उक्त थोक दुकानें सप्ताह में 3 दिन सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को प्रातः 6 बजे से 1 बजे तक सशर्त खुली रह सकेंगी। थोक दुकानों के लिये शर्तें तय की गई हैं। इसके अनुसार राशन थोक विक्रेता फोन पर ऑर्डर लेकर सप्लाई करेंगे तथा कोई भी ग्राहक दुकानों पर नहीं आएंगे।
जहां पर थोक दुकानों के बीच खेरची दुकानें भी हैं, ये दुकानें भी खेरची श्रेणी की होने से उक्त तीन दिनों में जब थोक दुकानें खुली रहेंगी। प्रातः 6 से दोपहर 12 बजे तक फोन पर ही बुकिंग कर सप्लाई कर सकेंगी। इन खेरची दुकानों पर सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार ग्राहक नहीं आ सकेंगे।
अन्य दो दिन सोमवार एवं गुरुवार इन खेरची दुकानों पर प्रातः 6 बजे से 12 बजे के बीच ग्राहक आ सकेंगे। शहर के अन्य स्थानों पर ( उक्त 4 स्थानों को छोड़कर) स्थित किराना / ग्रोसरी दुकानें पर सोमवार से शुक्रवार प्रातः 6 बजे से 12 बजे तक ग्राहक आ सकेंगे। जहां पर थोक राशन की दुकानें हैं, क्षेत्रीय एसडीएम पुलिस की विशेष व्यवस्था लगाएंगे ताकि इस आदेश का पूर्ण रूप से पालन हो।
उद्योग, गोडाउन ट्रांसपोर्ट नगर से जुड़े व्यक्ति पूर्वानुसार 24 घंटे में निर्धारित तीन समय स्लॉट के बीच ही आवाजाही कर सकेंगे। सभी प्रकार के लोडिंग वाहनों को शहर में आवाजाही में छूट रहेगी। बीग बास्केट, ऑनडोर, बिग बाजार आदि जो किराना एवं ग्रोसरी की होम डिलेवरी कर सकती है, ऐसी एजेंसी को प्रातः 6 बजे से सांय 5 बजे तक केवल किराना/ ग्रोसरी की होम डिलेवरी करना प्रतिबंधों से मुक्त रहेगा।
ये एजेंसी अपने कर्मचारी एवं सुपरवाईजर्स को फोटोयुक्त पहचान पत्र देगी ताकि पुलिस निरीक्षण में यह अपना फोटोयुक्त पहचान पत्र बतला सकें। ये सभी एजेंसी अपने होम डिलेवरी करने वाली टीम का आरटीपीसीआर टेस्ट कराएगी तथा यह रिपोर्ट इन होम डिलेवरी सदस्यों के साथ रखी जाएगी। शनिवार एवं रविवार को होम डिलेवरी पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188 अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।