भूगर्भ जल का पुनर्भरण नहीं किया तो मध्यप्रदेश बन जाएगा राजस्थान
भोपाल। मध्यप्रदेश में 'राइट टू वॉटर' एक्ट बनाने को लेकर सरकार अब गंभीर हो गई है। भोपाल में 'राइट टू वॉटर' एक्ट को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें जलपुरुष कहलाने वाले डॉ. राजेन्द्र सिंह शामिल हुए।
इस मौके पर वेबदुनिया से बातचीत में राजेंद्र सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि 'राइट टू वॉटर' एक्ट मध्यप्रदेश सरकार की अच्छी कोशिश है। हमें इस कोशिश को मिलकर आगे बढ़ाना चाहिए। राजेन्द्र सिंह ने मध्यप्रदेश में जल संकट की आहट पर सरकार को चेताते हुए कहा कि हमें पानी के रिचार्ज और डिस्चार्ज का संतुलन तुरंत बनाना होगा, नहीं तो मध्यप्रदेश की हालत भी राजस्थान जैसी होगी।
उन्होंने कहा कि पानी के अत्यधिक दोहन से भूजल भंडार खाली हो रहे हैं, जो हमारे लिए एक अलार्म है। वेबदुनिया के जरिए राजेन्द्र सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार को सलाह दी कि अगर मध्यप्रदेश को जलसंकट से बचाना है तो भूगर्भ जल के पुनर्भरण को 'राइट टू वॉटर' एक्ट का हिस्सा बनाना होगा। साथ ही जलपुरुष ने लोगों से अपील की है कि बारिश का पानी अमृत के समान है और इसे बचाने के लिए उन्हें हरसंभव कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने लोगों को वॉटर बैंक बनाने की सलाह दी है, जिससे बारिश के पानी को संरक्षित किया जा सके। वहीं भोपाल में गहराते जल संकट को लेकर उन्होंने कहा कि जहां पर भोजताल है, वहां पर लोग बोरिंग करा रहे हैं तो ये अपमानजनक है। उन्होंने भोपाल के लोगों से कहा कि भोपाल के ताल को साइंटिफिक तरीके से संरक्षित करना चाहिए जिससे कि कभी पानी का संकट नहीं हो।