भारी बारिश से हाहाकार, उफान पर नदी-नाले, स्कूल भी बंद...
मध्यप्रदेश में रीवा, सतना, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह, सागर, मंडला, डिंडोरी आदि जिलों में तीन चार दिनों से लगातार बारिश के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं। इन जिलों में नदी-नाले उफान पर है। भोपाल, हरदा के निचले इलाकों में पानी भर गया है। भोपाल में कलेक्टर ने आज स्कूल-कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया है।
नर्मदा, पार्वती, चंबल, केन, तवा, तमस और सुनार नदियां उफान पर हैं। इससे कई मार्गों पर आवागमन प्रभावित हो गया है। इस बीच राज्य सरकार ने प्रशासन की मदद से विभिन्न प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ करके विशेष शिविर भी बनाए हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में अनेक स्थानों पर अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण उत्पन्न विपरीत स्थितियों के बीच प्रशासनिक अमले को राहत और बचाव के बेहतर प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण राज्य में आठ लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग चार हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चौहान ने उच्च स्तरीय बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन के दल तैयार रहें और सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई करें। किसी भी स्थिति में प्रभावितों को परेशानी नहीं हो। मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रदेश में वर्षा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा भी की। बैठक में राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता भी उपस्थित थे।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अति वर्षा से प्रभावित रीवा, सागर और भोपाल संभाग में अब स्थिति नियंत्रण में है। सतना जिले में 600 लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है। सतना में 5 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से हेलीकाप्टर द्वारा निकाला गया। आपदा प्रबंधन के दलों द्वारा पूरे प्रदेश में पिछले तीन दिन में 4 हजार लोगों को बचाया गया है।
मौसम विभाग ने राज्य के जबलपुर, रायसेन, हौशंगाबाद, विदिशा और बेतूल समेत कई ज़िलों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की संभावना जताई है।
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भोपाल के कलेक्टर निशांत बरबडे ने बताया कि भारी बारिश की चेतावनी के बीच लगातार वर्षा के कारण ऐहतियातन स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। भोपाल जिले में सभी निजी और सरकारी स्कूल आज बंद रहेंगे। इस बीच देर रात से जारी लगातार बारिश के कारण कई निचले इलाके जलमग्न हो गए। प्रशासन ऐहतियातन स्थिति पर नजर रखे हुए हैंं।
गुनोर के विधायक महेंद्र बागरी ने लाइफ जैकेट पहनकर सेना के साथ नाव में किया अमानगंज गांव का दौरा। केन नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बना एक होटल जलमग्न हो गया।
मुरैना जिले में चंबल नदी में तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। जबकि दमोह, मंडला और सिवनी में भी दो महिलाओं सहित तीन की ऐसे ही हादसों में जान चली जाने की खबर है।
नरसिंहपुर, होशंगाबाद समेत कई इलाकों में बारिश का पानी घरों के अंदर घुस गया। कई सड़कें पानी में डूब गई और रास्ते बंद हो गए। लोगों को इस वजह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
भारी बारिश की वजह से तवा नदी भी उफान पर आ गई। इस वजह से तवानगर के 13 गेट 10-10 फुट की ऊंचाई तक खोल दिए गए। गेट खोलने के वक्त जलस्तर 1159•90 था। गेट खोलने के बाद आसपास के गांवों में बाढ़ से हालात उत्पन्न हो गए।