EVM में गड़बड़ी, बटन कोई भी दबाओ, भाजपा को ही वोट!
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के भिंड में जिला निर्वाचन अधिकारियों से मीडिया में आ रहीं उन रिपोर्टों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है जिनमें कहा जा रहा है कि एक अभ्यास कार्यक्रम के दौरान वीवीपीएटी से केवल भाजपा के निशान वाली पर्चियां ही निकल रही थीं। भिंड में अगले सप्ताह उपचुनाव होना है और यह अभ्यास के लिए किया जा रहा था।
आयोग के एक प्रवक्ता कहा, हमने जिला निर्वाचन अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और शाम तक हम इस संबंध में कोई जवाब देंगे। वीवीपीएटी एक ऐसी मशीन होती है जिससे निकली पर्ची यह दिखाती है कि मतदाता ने किस पार्टी को वोट दिया है। मतदाता केवल सात सेकंड तक इस पर्ची को देख सकता है, इसके बाद यह एक डिब्बे में गिर जाती है और मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभ्यास के दौरान चाहे जो भी बटन दबाया गया उससे निकली सारी पर्चियां यह दिखा रही थीं कि वोट भाजपा को गया है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि मध्यप्रदेश की मुख्य चुनाव अधिकारी सलीना सिंह ने पत्रकारों को धमकी भी दी कि समाचार पत्रों में यह न्यूज नहीं दें वरना उन्हें पुलिस थाने में हिरासत में रखा जाएगा।
सलीना सिंह ने किया खंडन : मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने मीडिया में छपे इस खबर का खंडन किया है कि ईवीएम मशीन से जुड़े वोटर वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) से केवल भाजपा का चुनावी चिन्ह ‘कमल’ वाली पर्चियां ही कल भिंड में अटेर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए किए गए ‘डेमो’ के दौरान निकल रही थीं।
अटेर में 9 अप्रैल को उपचुनाव होना है और यह ‘डेमो’ के लिए किया जा रहा था। सलीना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस डेमो के दौरान ईवीएम मशीन में केवल दो ही बटन दबाये गये। पहला मैंने दबाया, जिससे :भाजपा का निशान: कमल का चिन्ह आया और दूसरा वहां मौजूद किसी और व्यक्ति ने दबाया, जिससे :कांग्रेस का निशान: हाथ का पंजा आया।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की दो सीटों भिंड जिले की अटेर एवं उमरिया जिले की बांधवगढ़ में 9 अप्रैल को उपचुनाव होना है और इनमें ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपीएटी पावती वाली रसीद निकलने वाली प्रिंटर मशीनें जुड़ी रहेंगी, जो दोनों सीटों के सभी मतदान केन्द्रों में होंगी। यह मध्यप्रदेश में पहली बार होगा कि पूरे निर्वाचन क्षेत्र में वीवीपीएटी सभी मतदान केंद्र में दिखेगा। अटेर संवेदनशील सीट है।
उनसे जब पूछा गया कि डेमो के दौरान दो बार कमल का चिन्ह निकला इस पर सलीना ने जोर देकर कहा कि दो बार कमल का फूल नहीं आया। एक बार कमल का चिन्ह और एक बार पंजे का चिन्ह आया। उन्होंने कहा कि डेमो के लिए केवल एक ही मशीन का ही उपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि कल ईवीएम मशीनों का ‘छदम मतदान’ नहीं था, केवल ‘डेमो’ था, जिसकी ट्रेनिंग दी जा रही थी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना ने बताया कि मैं कोई भी बात छुपाना नहीं चाहती, जो छुपाना चाहेगा वह प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करेगा। मीडिया को डेमो के बारे में समाचार न छापने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि डेमो के दौरान जैसे ही मेरे बटन दबाने पर कमल का चिन्ह आया तो वहां मौजूद कुछ लोग बेवजह इस पर आपत्ति करने लगे थे। मीडिया भी वहीं पर था। हम हंसकर बात कर रहे थे। आपने वीडियो रिकॉर्डिग में भी देखा होगा। सलीना ने बताया कि इस संबंध में उनके कार्यालय एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों ने विस्तृत रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को भेज दी है। वीवीपीएटी एक ऐसी मशीन होती है जिससे निकली पर्ची यह दिखाती है कि मतदाता ने किस पार्टी को वोट दिया है। मतदाता केवल सात सेकंड तक इस पर्ची को देख सकता है। इसके बाद यह एक डिब्बे में गिर जाती है और मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता।