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Last Modified: सोमवार, 24 मार्च 2025 (14:02 IST)

सौरभ शर्मा केस की जांच कर रहे लोकायुक्त डीजी के तबादले पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, बोले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

सौरभ शर्मा केस की जांच कर रहे लोकायुक्त डीजी के तबादले पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, बोले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, जाएंगे सुप्रीम कोर्ट - Congress raised questions on the transfer of Lokayukta DG Jaideep Prasad who is investigating Saurabh Sharma case
भोपाल। मध्यप्रदेश में आरटीओ के पूर्व करोड़पति कॉस्टेबल सौरभ शर्मा के मामले को लेकर अब कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का रूख करने जा रही है। वहीं सौरभ शर्मा पर छापा डालने संस्थाय लोकायुक्त के डीजी के तबादले के कांग्रेस फिर सरकार पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि तबादले पर सवाल उठाते हु कहा कि सौरभ शर्मा मामले की जांच कर रहे लोकायुक्त के डीजी जयदीप प्रसाद का तबादला क्यों किया गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जांच एजेंसियों पर दबाव बना रही है और  पूरे मामले की लीपापोती में जुटी है। उन्होंने  कहा कि अब वह पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने का फैसला किया है।

गौरतलब है कि सौरभ शर्मा मामले का खुलासा करने वाले लोकायुक्त संगठन के डीजी जयदीप प्रसाद को गृहविभाग ने रविवार को हटाते हुए स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की जिम्मेदारी देते हुए पुलिस मुख्यालय भेज दिया है। उनकी  जगह एडीजी इंटेलिजेंसी योगेश देशमुख को डीजी लोकायुक्त बनाया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले सौरभ शर्मा मामले की जांच कर रहे ईडी के अधिकारी का भी तबादले हो चुका है। सौरभ शर्मा मामले की जांच से जुड़े भोपाल जोनल कार्यालय में पदस्थ ईडी के डिप्टी डायरेक्टर तुषार श्रीवास्तव को जोनल ऑफिस दिल्ली भेज दिया गया।

विधानसभा में उठा था लोकायुक्त की जांच का मुद्दा- लोकायुक्त डीजी के तबादले से पहले विधानसभा में सौरभ शर्मा का मामला उठा था और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने जांच पर सवाल उठाते हुए सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की थी।नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सौरभ शर्मा केस की जांच में हीलावली का आरोपी लगाते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर आरोपियों को बचा रही है।

उन्होंने कहा कि भोपाल के मेंडोरी में सोने से भरी कार और 10 करोड़ कैश मिला लेकिन यह किसका है, यह अब तक नहीं पता चला। जबकि फॉर्म हाउस किसका है और गाड़ी किसकी है यह सब पता है। नेता प्रतिपक्ष ने सौरभ शर्मा और चैतन के डायरी बरामद होने का भी दावा किया जिसमें पूरे घोटाले में शामिल लोगों के नाम लिखे हुए थे। नेता प्रतिक्ष उमंग सिंघार ने कहा अभी भी वसूली हो रही है. तात्कालीन ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटा दिया गया, क्या इससे भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा? क्या ग्वालियर के परिवहन अधिकारी पर FIR हुई ? उस समय के ACS पर कार्रवाई हुई, नहीं हुई. लोकायुक्त ने कहा उसे सोने से भरी गाड़ी और पैसे नहीं मिले, IT आकर कार्रवाई करती है. गाड़ी किसकी है यह पता है, गाड़ी के कागज भी हैं लेकिन सोना किसका है? यह नहीं पता. अब तक के परिवहन मंत्री और उनके स्टाफ की जांच क्यों नही हुई? उनके CDR क्यों चेक नहीं हुए हैं। वहीं विधानसभा में मामला उठाने के बाद ग्वालियर पुलिस ने सौरभ शर्मा की मां के खिलाफ भी एफआईआर की है, जिसमें सौरभ शर्मा की अनुंकपा नियुक्ति के लिए गलत शपथ पत्र देने का आरोप है।

कैसे हुआ था खुलासा?- आरटीओ के पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा ने सात साल की नौकरी में करोड़ों की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किय़ा था। भोपाल में रहने वाले पूर्व ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर 17 दिसंबर को लोकायुक्त ने जब सबसे पहले कार्रवाई की तो काली कमाई का जखीरा देखकर अधिकारियों के भी होश उड़ गए। कार्रवाई में सौरभ शर्मा के ठिकानों से 3 करोड़ रुपए की नगदी,50 लाख रुपए का सोना,दो क्विटंल चांदी की सिल्ली, चांदी के 10 किलो जेवर मिले है। इसके साथ भोपाल में एक निर्माणाधीन बंगला और एक स्कूल , भोपाल, इंदौर और ग्वालियर शहरों में प्रॉपर्टी और घर में नोट गिनने की सात मशीन मिली। सौरभ शर्मा ने महज सात साल ही नौकरी में करोड़ों की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किया।

आरटीओ का पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा जो मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला था, उस पर लोकायुक्त ने कार्रवाई के दौरान ही भोपाल के मेंडोरा में एक फॉर्म हाउस से आरटीओ नंबर से रजिस्टर्ड इनोवा क्रिस्टा से 54 किलो सोना और 10 करोड़ नगद मिला था, जो भोपाल के एक फॉर्म हाउस में मिला था।
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