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Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 24 अगस्त 2024 (18:31 IST)

Kuno National Park : जंगलों में जल्द आजाद घूमेंगे अफ्रीका से लाए गए चीते, सेप्टीसीमिया इन्फेक्शन से 2 की हुई थी मौत

Kuno National Park :  जंगलों में जल्द आजाद घूमेंगे अफ्रीका से लाए गए चीते, सेप्टीसीमिया इन्फेक्शन से 2 की हुई थी मौत - Cheetahs are now ready to roam freely in kuno madhya pradesh
cheetahs are now ready to roam freely in kuno madhya pradesh  : दुनिया में पहली बार अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण के तहत भारत लाए गए अफ्रीकी चीतों को जल्द ही जंगल में छोड़ा जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। लगभग एक साल पहले भारत लाए गए चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्वास्थ्य जांच और निगरानी के लिए रखा गया है। कुछ चीतों को शुरू में जंगल में छोड़ दिया गया था, लेकिन पिछले वर्ष अगस्त में तीन चीतों की 'सेप्टीसीमिया इन्फेक्शन' के कारण मौत हो गई थी। 
 
अधिकारियों ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि केंद्र की चीता परियोजना संचालन समिति ने शुक्रवार को फैसला किया है कि देश के मध्य भागों से मानसून के चले जाने के बाद अफ्रीकी चीतों और भारत में जन्मे उनके शावकों को जंगलों में छोड़ा जाएगा।
 
एक अधिकारी ने कहा कि समिति के सदस्यों और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के अधिकारियों ने कुनो का दौरा किया और चीतों को छोड़ने के विषय पर चर्चा की। बारिश का दौर समाप्त हो जाने के बाद व्यस्क चीतों को जंगल में छोड़ा जाएगा, जबकि शावकों और मादा चीताओं को दिसंबर के बाद छोड़ा जाएगा।'
 
अधिकारी के अनुसार, सभी 25 चीते स्वस्थ हैं, जिसमें 13 वयस्क और 12 शावक शामिल हैं। नामीबिया से आठ चीतों का पहला जत्था सितंबर 2022 में भारत लाया गया था और 12 चीतों का दूसरा जत्था पिछले फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था।
 
कुछ चीतों को शुरू में जंगल में छोड़ दिया गया था, लेकिन पिछले वर्ष अगस्त में तीन चीतों की 'सेप्टीसीमिया इन्फेक्शन' के कारण मौत हो गई थी, जिनमें नामीबिया से लाई गई एक मादा चीता और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए दो नर चीता शामिल थे।
 
'सेप्टीसीमिया इन्फेक्शन' एक ऐसा संक्रमण है जो बैक्टीरिया के रक्तप्रवाह में प्रवेश हो जाने से फैलता है। वर्तमान में केवल एक चीता ही जंगल में स्वतंत्र रूप से घूम रहा है। अधिकारियों का कहना है कि उसे देखना और पकड़ना कठिन है।
भारत आने के बाद से सात वयस्क चीतों, तीन मादा और चार नर की मौत हो चुकी है, जिनमें से चार की मौत 'सेप्टीसीमिया इन्फेक्शन' के कारण हुई। ये सभी मौतें मार्च 2023 से जनवरी 2024 के बीच हुईं। भारत में 17 शावकों का जन्म हुआ है और उनमें से 12 जीवित बचे हैं। इस प्रकार कुनो में शावकों सहित चीतों की कुल संख्या 24 है। इनपुट भाषा