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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शुक्रवार, 22 जुलाई 2022 (18:38 IST)

राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस विधायकों को भाजपा का ऑफर, 2023 के विस चुनाव से पहले फिर टूटेगी कांग्रेस?

राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस विधायकों को भाजपा का ऑफर, 2023 के विस चुनाव से पहले फिर टूटेगी कांग्रेस? - BJP offer to Congress MLA who cross-voted in Presidential elections
भोपाल। राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद मध्यप्रदेश में सियासी पारा गर्मा गया है। बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद भाजपा और कांग्रेस आमने सामने आ गई है। कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग को भाजपा कांग्रेस में टूट बता रही है। तो अब सवाल यह भी खड़ा होने लगा है कि क्या 2023 विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में कुछ और कांग्रेस विधायक भाजपा के पाले में खड़े दिखाई देंगे? क्या कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस प्रदेश में फिर टूट जाएगी? 

राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने पर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस विधायकों का कांग्रेस के नेतृत्व पर से विश्वास उठ गया है। कांग्रेस के 17 विधायक कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस विधायकों को भाजपा में शामिल होने का ऑफर भी दे दिया। कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेस विधायकों का भाजपा में स्वागत है। 
 
वहीं राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में 2 साल में पांच बार कांग्रेस टूटी है। कांग्रेस विधायकों का अपने नेतृत्व पर ही विश्वास नहीं है। कांग्रेस विधायक लगातार कांग्रेस का साथ छोड़ रहे है। नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि पहले कांग्रेस विधायक गए तो कमलनाथ सरकार चली गई, फिर विधायक गए तो साख चली गई और अब विधायकों की क्रॉस वोटिंग से नाक ही चली गई। कमलनाथ ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने विधायकों के ईमान पर सवाल उठा कर उनको बिकाऊ बता दिया था और विधायकों की क्रॉस वोटिंग  जर्जर होती कांग्रेस राष्ट्रपति चुनाव आखिरी कील थी। 
 
वहीं प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि 19 विधायकों ने अंतरआत्मा की आवाज पर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की है। इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा के प्रति आदिवासी समाज के बढ़ते विश्वास को बताया। वीडी शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को निशाने पर लेते हुए कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस विधायकों पर दबाव डाला लेकिन विधायकों ने उनके दबाव को नहीं माना और उन्होंने अंतरआत्मा की आवाज पर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटर किया। राष्ट्रपति चुनाव में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का आदिवासी विरोधी चेहरा स्पष्ट दिखाई देता है और अगर कमलनाथ आदिवासी विरोधी चेहरा नहीं है तो क्या वह भी उन 19 लोगों में शामिल है जिन्होंने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट किया। 

गौरतलब है कि ‘वेबदुनिया’ ने सबसे पहले अपने पाठकों को इस बात की प्रामणिक खबर थी कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायक राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग करेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक सचिन बिरला एक लंबे अरसे से खुलकर भाजपा के मंच पर दिखाई दे रहे है और भाजपा को समर्थन दे रहे है। वहीं राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए आदिवासी संगठन के नेता जयस के नेता हीरालाल अलावा द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर चुके थे। वहीं पिछले दिनों सपा, बसपा और निर्दलीय विधायक भाजपा में शामिल हो चुके है।