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Last Modified: मंगलवार, 14 जनवरी 2025 (11:24 IST)

भाजपा जिला अध्यक्ष चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आगे पार्टी संविधान का सरेंडर, रायशुमारी नहीं सिफारिशों को तरजीह

भाजपा जिला अध्यक्ष चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आगे पार्टी संविधान का सरेंडर, रायशुमारी नहीं सिफारिशों को तरजीह - Announcement of names of Madhya Pradesh BJP district presidents
भोपाल। मध्य प्रदेश भाजपा के जिला अध्यक्षों के नामों को एलान शुरु गया। सोमवार रात पार्टी ने 18 जिला अध्यक्षों के नामों का और एलान कर दिया है। वहीं रविवार को पार्टी ने उज्जैन नगर और विदिशा के जिला अध्यक्षों के नामों का एलान किया था। भाजपा जिला अध्यक्ष के अब तक घोषित 20 नामों में जिस तरह के चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, उससे साफ है कि जिला अध्यक्ष के लिए रायशुमारी नहीं सिफारिशों को माना  गया है।

सिंधिया के आगे भाजपा का संविधान सरेंडर!- भाजपा जिला अध्यक्षों के चुनाव में किस तरह पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर क्षत्रपों की पंसद को तरजीह दी गई है, इसकी बानगी शिवपुरी जिला अध्यक्ष के तौर पर सिंधिया के करीबी जममंत जाटव का चुनाव है। 2020 में ज्योतिरादित्य  सिंधिया के  साथ भाजपा में शामिल होने वाले जसमंत जाटव को पार्टी ने शिवपुरी जिला अध्यक्ष बनाया है, जबकि भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए पार्टी के संविधान के मुताबिक 6 सालों तक सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है। जसमंत जाटव को पार्टी मे आए सिर्फ चार साल ही हुए है और और उनको 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट भी नहीं दिया था। जसमंत जाटव के  जिला अध्यक्ष बनने के बाद शिवपुरी में भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं में अंसतोष के सुर सुनाई पड़ने लगे है।

वीडी शर्मा की पसंद को तरजीह- जिला अध्यक्षों के निर्वाचन में पार्टी भले ही राय़शुमारी का दावा कर रही थी लेकिन पार्टी के जिला अध्यक्षों के अब तक जारी सूची बताती है कि रायशुमारी नहीं सिफारिश वाले नेताओं को जिला अध्यक्ष पद से नवाजा गया है। भोपाल शहर से जिला अध्यक्ष बने रविंद्र यति की गिनती वीडी शर्मा के करीबी  नेताओं में होती है। इस तरह वीडी शर्मा ने अपने संसदीय क्षेत्र खजुराहो के अंदर आने वालो दोनों जिले छतपुर और पन्ना में वर्तमान जिला अध्यक्षों को फिर से मौका दिलवा दिया। इसके साथ सोमवार रात घोषित 18 जिला अध्यक्षों में से 9 जिला अध्यक्षों का रिपीट होना बताता है कि वीडी शर्मा का जिला अध्यक्षों के निर्वाचन में खासा दखल रहा।
इसी तरह अशोकनगर के जिला अध्यक्ष आलोक तिवारी, संगठन महामंत्री हितानंद जबलपुर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष राजकुमार पटेल कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, मऊगंज के जिला अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मिश्रा डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला के करीबी नेताओं मे माने जाते है।

ग्वालियर,सागर पर फंसा हैं पेंच- वहीं प्रदेश के दो सबसे बड़े जिले सागर और ग्वालियर में जिला अध्यक्ष को लेकर पेंच अब भी फंसा ही हुआ है। सागर और ग्वालियर में जिला अध्यक्षों के चुनाव को लेकर भाजपा के वर्षों पुराने दिग्गज नेता और कांग्रेस से भाजपा में पैराशूट के जरिए लैंड करने वाले नेता पूरी तरह आमने-सामने है। ग्वालियर शहर और ग्वालियर ग्रामीण जिला अध्यक्ष को लेकर नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया का खेमा आमने सामने आ गया है। दोनों ही जगह दिग्गज नेताओं के समर्थक अपनी तगड़ी दावेदारी कर रहे है। ग्वालियर शहर के जिला अध्यक्ष के दावेदारी जय प्रकाश राजौरिया, आशीष अग्रवाल, विनय जैन, रामेश्वर भदौरिया, दीपक शर्मा, भरत दातरे दावेदारी कर रहे है वहीं ग्वालियर ग्रामीण से कप्तान सिंह सहसारी, कुलदीप यादव, विकास साहू और प्रेम सिंह राजपूत दावेदारी कर रहे है।

वहीं सागर में जिला अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह फिर आमने सामने है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पूर्व सांसद राजबहादुर सिंह का नाम जिला अध्यक्ष के लिए आगे बढ़ाया है जो कि गोविंद सिंह राजपूत के धुर विरोधी है। जबकि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत वर्तमान जिला अध्यक्ष गौरव सिरौठिया को फिर एक मौका दिए जाने के लिए लांबिग कर रहे है। इसके साथ ही गोपाल भार्गव की पिछले दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ मुलाकात ने सियासी सरगर्मी और बढ़ा दी है।