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Written By भाषा

क्या जीत का 'छक्का' लगा पाएंगे विजयर्गीय?

क्या जीत का ''छक्का'' लगा पाएंगे विजयर्गीय? -
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इंदौर। मध्यप्रदेश में सोमवार को 25 नवंबर को विधानसभा चुनावों में 71 प्रतिशत से ज्यादा के रिकॉर्ड मतदान के बाद आठ दिसंबर को होने वाली मतगणना को लेकर उलटी गिनती शुरू हो गई है। इस बीच सियासी गलियारों में बराबर यह सवाल कौंध रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के निवर्तमान उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय लगातार छह बार विधानसभा चुनाव जीतने का कीर्तिमान स्थापित कर सकेंगे।

विजयवर्गीय ने इंदौर जिले के महू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी अंतरसिंह दरबार के खिलाफ लगातार दूसरी बार किस्मत आजमाई है। इस क्षेत्र में 78 प्रतिशत से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनावों में भी विजयवर्गीय और दरबार महू क्षेत्र में आमने-सामने थे। इन चुनावों में विजयवर्गीय ने दरबार को 9791 मतों से पटखनी दी थी।

सूत्र बताते हैं कि इस बार भारी मतदान के कारण महू क्षेत्र में चुनावी प्रतिस्पर्धा अपेक्षाकृत ज्यादा कड़ी है। बहरहाल, महू को भाजपा के लिए ‘आसान’ विधानसभा क्षेत्र बताने वाले विजयवर्गीय का दावा है कि इस बार उन्हें पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले ज्यादा वोट मिलेंगे और वह ‘ऐतिहासिक अंतर’ से यह सीट जीतेंगे।

उधर, दरबार ने भी विजयवर्गीय को बड़े अंतर से परास्त करने का दावा किया है, लेकिन दोनों प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों के दावों की हकीकत आठ दिसंबर को पता चलेगी, जब मतों की गिनती की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि विजयवर्गीय इस बार विधानसभा चुनावों में महू की जगह इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-तीन से मैदान में उतरना चाह रहे थे। लेकिन भाजपा आलाकमान ने कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-3 से पार्टी की प्रदेश इकाई की उपाध्यक्ष उषा ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया और विजयवर्गीय को दोबारा महू से चुनाव लड़ने का आदेश दिया।

विजयवर्गीय इंदौर जिले की अलग-अलग सीटों से वर्ष 1990, 1993, 1998, 2003 और 2008 में लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। वह अपने ढाई दशक लम्बे सियासी करियर में अब तक एक भी विधानसभा चुनाव नहीं हारे हैं। (भाषा)