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Written By WD

किसने लड़े हैं सबसे अधिक चुनाव?

-रामस्वरूप मूंदड़ा

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2013
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1977 के चुनाव से आज तक किस उम्मीदवार ने कितने चुनाव लड़े, कितने जीते और कितने हारे- इसका विवरण जानना भी कम रोचक नहीं है। 1977 से 2008 तक 8 चुनाव हुए हैं जिसमें 7 चुनाव लड़कर स्व. भेरूलाल पाटीदार पहले क्रम पर हैं। वे 1977 से 2003 तक महू से भाजपा (1977 में जनता पार्टी) के उम्मीदवार रहे हैं।

इस क्रम में दूसरे स्थान पर रहने वाले भी ग्रामीण विधानसभा सांवेर से चुनाव लड़ने वाले स्व. प्रकाश सोनकर ने 6 चुनाव लड़े हैं, हालांकि पाटीदार 7 में से 3 बार जीते और 4 बार हारे हैं, इसी तरह सोनकर 4 बार विजयी हुए और 2 बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

5 बार चुनाव लड़ने वालों में भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस के सुरेश सेठ का नाम है। कैलाश के साथ यह रिकॉर्ड जुड़ा है कि वे 3 अलग-अलग विधानसभा से लड़कर भी एक बार भी परास्त नहीं हुए हैं जबकि सुरेश सेठ भी 2008 की हार के अलावा हमेशा विजयी हुए हैं।

4 बार पार्टी का विश्वास पाने वाले भाजपा के निर्भयसिंह पटेल और गोपी नेमा रहे हैं तो कांग्रेस में महेश जोशी, तुलसी सिलावट और ललित जैन भी 4 चुनाव लड़ चुके है। जहां निर्भयसिंह पटेल ने 4 में से 3 चुनाव जीते हैं वहीं गोपी का रिकॉर्ड 2-2 का रहा है। महेश जोशी, तुलसी सिलावट और ललित जैन का रिकॉर्ड भी 2-2 का ही है।

3 बार पार्टी का टिकट हासिल करने वालों के नाम और उनका रिकॉर्ड कोष्ठक (जीते-हारे) में इस प्रकार है- भाजपा के श्रीवल्लभ शर्मा (1-2), सत्यनारायण सत्तन (0-3), भंवरसिंह शेखावत (1-2) और लक्ष्मणसिंह गौड़ (3-0) और कांग्रेस से घनश्याम पाटीदार (1-2), राधाकिशन मालवीय (0-3), सत्यनारायण पटेल (2-1), अंतरसिंह दरबार (2-1) और अश्विन जोशी (3-0) हैं।

दो चुनाव लड़कर दोनों बार विजयश्री का वरण करने वालों में भाजपा के महेंद्र हार्डिया हैं तो कांग्रेस के कन्हैयालाल यादव और यज्ञदत्त शर्मा ने भी अपने दोनों चुनाव जीते हैं। दोनों चुनाव हारने वालों में भाजपा के विष्णुप्रसाद शुक्ला हैं तो कांग्रेस में उनकी बराबरी बापूसिंह मंडलोई, शोभा ओझा व गोविन्द मंघानी ने की है।

29 उम्मीदवार एक बार ही चुनावी समर में उतरे। उनमें से केवल 10 सफल रहे बाकी पहला और अंतिम चुनाव भी नहीं जीत सके।