निर्भीक कर्मयोगी का विमोचन
नईदुनिया के संस्थापक और पितृ पुरुष स्वर्गीय बाबू लाभचंदजी छजलानी की सौवीं जयंती पर उनके जीवन पर आधारित पुस्तक "निर्भीक कर्मयोगी" का यहाँ विमोचन हुआ। नईदुनिया मुख्यालय परिसर में बुधवार को आयोजित गरिमामय समारोह में विमोचित इस पुस्तक में बाबूजी के बारे में संस्मरणों और आलेखों का संकलन है। इन आलेखों के माध्यम से बाबूजी की पूरी जीवन यात्रा के साथ ही इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण अध्यायों का दस्तावेजीकरण हुआ है। पुस्तक का संपादन नईदुनिया संपादकीय बोर्ड के अध्यक्ष अभय छजलानी ने किया है। संकलन में बाबूजी के निकट सहयोगियों, परिवार के सदस्यों के अलावा कई जाने-माने लेखकों और संपादकों के संस्मरण शामिल हैं। इसमें अनेक ऐसे अनछुए प्रसंग हैं, जो उस समय की घटनाओं के संदर्भों को पहली बार उजागर करते हैं। पुस्तक बताती है कि इंदौर आकर सक्रिय समाजसेवा से कैसे बाबूजी मध्यभारत के किंगमेकर बन गए और किस तरह उन्होंने नईदुनिया को शून्य से शिखर तक पहुँचाया। 450 पृष्ठों की यह पुस्तक लाभचंद प्रकाशन ने प्रकाशित की है। (नईदुनिया)