बहनों को गैस सिलेंडर 450 रुपए में, 219 करोड़ की अनुदान राशि खातों में ट्रांसफर
Chief Minister Shivraj Singh Chauhan news: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम उज्जवला योजना हितग्राही और गैर उज्ज्वला लाड़ली बहनों के लिए 450 रुपए में गैस रिफिल योजना की 219 करोड़ अनुदान राशि, 36 लाख से अधिक बहनों के खातों में सिंगल क्लिक से अंतरित की।
चौहान ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में कन्या पूजन तथा दीप प्रज्जलित कर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम से प्रदेश के सभी जिले वर्चुअली जुड़े। उन्होंने कहा कि बहनों की जिंदगी बेहतर बनाने के मिशन में लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्या विवाह योजना, लाड़ली बहना योजना इस मिशन का ही भाग हैं। पंचायत और नगरीय निकायों में महिलाएं चुनकर आए इसके लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई। शासकीय सेवाओं में महिला आरक्षण को बढ़ाकर अब 35 प्रतिशत किया गया है। अब नारी केवल अबला नहीं है। एक करोड़ 32 लाख बहनों को लाभ मिला है।
चौहान ने कहा कि बहनों को प्रतिमाह 450 रुपए में सिलेंडर उपलब्ध कराने की स्थाई व्यवस्था कर दी गई है। गैस सिलेंडर की कीमत और 450 रुपए के बीच के अंतर की राशि राज्य सरकार द्वारा भरवाई जाएगी। बहनों को गैस कंपनी को उतनी ही राशि का भुगतान करना होगा जितनी राशि का गैस सिलेंडर है। गैस कंपनी के गैस सिलेंडर की कीमत और 450 रुपए के बीच के अंतर की राशि बहनों के खाते में राज्य शासन द्वारा जारी की जाएगी। इस प्रकार बहनों को गैस सिलेंडर 450 रुपए में ही पड़ेगा। जो बहनें योजना का लाभ लेने से छूट गई हैं, उन्हें भी योजना में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के कल्याण की कई योजनाएं संचालित की जा रही है। बहनों की जिंदगी सम्मानजनक बनाना जीवन का मिशन है। बहनें संगठित रहकर समस्याओं का सामना करें और आगे बढ़ती रहें इसी उद्देश्य से लाड़ली बहना सेना का गठन किया गया है।
विकास कार्यों के लिए कर्ज : चौहान ने राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित लगभग 53 हजार करोड़ से अधिक की प्रदेशव्यापी 14 हजार 375 अधोसंरचना और विकास कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश अब बीमारू और गरीब नहीं है। मध्यप्रदेश अब समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश है। इसमें सामाजिक न्याय सरकार को देना है। सामाजिक न्याय का मतलब है, जो मध्यप्रदेश के संसाधन है उनका फायदा गरीब को भी मिले।
उन्होंने कहा कि सरकार के कर्ज लेने की बात बार-बार आती है। भारत सरकार कुछ मापदंड तय करती है कि कोई राज्य इतना कर्जा ले सकता है। वह कुल सकल घरेलू उत्पादन के 3 या 3.5 फीसदी के आसपास होता है। उससे कई गुना ज्यादा दूसरे राज्यों ने लिया है। मध्यप्रदेश ने उतना कर्ज लेकर विकास के कामों पर खर्च किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का महायज्ञ मध्यप्रदेश में जारी रहेगा और जनता के कल्याण की योजनाएं भी लगातार चलती रहेंगी। (एजेंसी/वेबदुनिया)