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Last Modified: मंगलवार, 17 अक्टूबर 2023 (20:09 IST)

Madhya Pradesh Assembly elections 2013: पहली बार मतदाताओं को मिला नोटा का विकल्प

Madhya Pradesh Assembly elections 2013: पहली बार मतदाताओं को मिला नोटा का विकल्प - For the first time voters got the option of NOTA
Madhya Pradesh Assembly elections 2013: भाजपा ने 2013 के विधानसभा चुनाव में 2008 के मुकाबले अपने प्रदर्शन में सुधार तो किया, लेकिन वह 2003 के आंकड़े पर नहीं पहुंच पाई। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लड़े इस चुनाव में भाजपा 165 सीटें जीतने में सफल रही थी। 
 
इस चुनाव में प्रदेश के 4 करोड़ 66 लाख 36 हजार 788 मतदाताओं में से 3 करोड़ 38 लाख 52 हजार 504 (72.07 प्रतिशत) मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के प्रयोग से मतों के निरस्त होने का प्रतिशत भी कम हुआ। 
 
इस चुनाव में भाजपा के 165, कांग्रेस के 58, बहुजन समाज पार्टी के 4 एवं निर्दलीय 3 प्रत्याशी विजयी हुए थे। खास बात यह रही कि भाजपा मालवा की 50 में से 45 सीटें जीतने में सफल रही थी। अन्य क्षेत्रों में भी उसका प्रदर्शन अच्छा रहा था।

कांग्रेस को इस चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले 13 सीटों का नुकसान हुआ था, जबकि बसपा की सीटें पिछले चुनाव के मुकाबले 3 कम रही थीं। 
 
इस चुनाव में मतदाताओं को पहली बार नोटा (कोई पसंद नहीं) ऑप्शन भी। इलेक्ट्रिॉनिक वोटिंग मशीन में नोटो ना ऑप्शन जोड़ा गया। बहुमत प्राप्त करने वाली भाजपा को 44.88 फीसदी वोट मिले, जबकि 1.9 फीसदी मतदाताओं ने नोटा का बटन ‍दबाया। 14 दिसंबर 2013 को शिवराज सिंह चौहान ने तीसरी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
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