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  4. Duty was imposed on EVM sealing by delivering orders overnight
Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रातोंरात आदेश पहुंचाकर EVM सीलिंग में ड्यूटी लगाई, रसूखदार बचे!

Madhya Pradesh Assembly Election 2023
District Election Officer Indore News: एक शासकीय कर्मचारी को 7 नवंबर को रात करीब 11.30 बजे फोन पर आदेश मिलता है कि आपको सुबह 9 बजे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) सीलिंग की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए सुबह 9 बजे स्टेडियम पहुंचना है। कर्मचारी का इस आदेश से चौं‍कना स्वाभाविक भी था, क्योंकि जिस कार्यक्रम में उसे शामिल होना था, उसका प्रशिक्षण भी उसे नहीं मिला था। ऐसा आदेश एक नहीं कई कर्मचारियों को मिला था। कई तो ऐसे थे, जिन्हें आदेश तामील कराने के लिए नींद से जगाया गया। 
 
दरअसल, 7 नवंबर को जिला निर्वाचन कार्यालय इंदौर द्वारा कुछ शासकीय कर्मचारियों को ताबड़तोड़ आदेश पहुंचाया जाता है कि उन्हें ईवीएम सीलिंग प्रक्रिया में शामिल होना है। यह भी कहा गया कि निर्वाचन आईडी कार्ड हेतु अपना पासपोर्ट फोटो जरूर साथ लाएं। इनमें से कुछ तो ऐसे तो जिनकी ड्‍यूटी मतदान दल में पहले से ही लगी हुई है। अपर कलेक्टर के आदेश से जारी यह आदेश जिला निर्वाचन कार्यालय से 7 नवंबर को ही जारी किया गया था। 
 
अचानक मिले इस आदेश से कर्मचारी इसलिए भी चौंके क्योंकि जिस ड्‍यूटी के लिए उन्हें बुलाया गया था, उसका उन्हें कोई विधिवत प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया था। साथ ही मशीन सीलिंग प्रक्रिया चुनाव से जुड़ी यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। अत: इसके लिए प्रशिक्षण भी जरूरी है। 
EVM
क्यों आई ऐसी नौबत : कर्मचारियों की अचानक ड्‍यूटी लगने के पीछे का सबसे अहम कारण यह बताया जा रहा है कि जिन लोगों की ड्‍यूटी मशीन सीलिंग की प्रक्रिया के लिए लगाई गई थी, उन्होंने अपने रसूख का इस्तेमाल कर या फिर मेडिकल लगाकर अपनी ड्‍यूटी कैंसल करवा ली। जबकि, इस प्रक्रिया के लिए उन्हें हाल में प्रशिक्षण भी दिया गया था। 
 
अब क्या होगा : इस प्रक्रिया को ईवीएम कमीशनिंग कहा जाता है। सीलिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रत्याशियों या फिर उनके प्रतिनिधियों के समक्ष मॉक पोल की प्रक्रिया संपन्न करवाई जाएगी। इस दौरान 1000 वोट डाले जाएंगे। यह प्रक्रिया सील की गई मशीनों में से 5 फीसदी मशीनों को छांटकर उनमें डमी वोट डलवाए जाएंगे। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वोट सही पड़ रहा है। इस प्रक्रिया के बाद इन मशीनों को फिर से सील किया जाएगा और उन्हें स्ट्रांग रूम में रख दिया जाएगा। फिर वोटिंग वाले दिन उन्हें निर्धारित स्थानों तक पहुंचाया जाएगा। 
 
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