कर्नाटक की तर्ज पर MP में भी कांग्रेस का दो चेहरे वाला फार्मूला, कमलनाथ-दिग्विजय की जोड़ी मजबूत करेगी कांग्रेस का हाथ?
Madhya Pradesh Political News: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023)
में कांग्रेस कर्नाटक फॉर्मूले पर चुनाव लड़कर सत्ता की वापसी की पूरी कोशिश कर ही है। कर्नाटक में जिस तरह से सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की जोड़ी ने कांग्रेस को ऐतिहासिक जीत दिलाई, ठीक उसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी चुनावी मैदान में आ डटी है। चुनाव से पहले दिग्विजय-कमलनाथ की जोड़ी एक सुर में भाजपा पर अक्रामक नजर आ रही है।
चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे कमलनाथ ने पार्टी के चुनावी प्रचार की कमान अपने हाथों में संभाल रखी है। कमलनाथ लगातार जिलों का दौरा कर पार्टी कार्यक्रमों में शामिल हो रहे है। कमलनाथ चुनावी मंचों से पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र के मुद्दों का एलान कर जनता को सीधे पार्टी से कनेक्ट कर रहे है। बात चाहे नारी सम्मान योजना की हो या सत्ता में आने की मुफ्त बिजली देने के एलान की कमलनाथ चुनावी मंच से लोगों के बीच कांग्रेस के नारे को पहुंचा रहे है।
विधानसभा के चुनावी कैंपेन में कांग्रेस कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री के तौर पर पेश कर रही है। वहीं दिग्विजय सिंह खुलकर हर मंच से कह रहे है कि चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद कमलनाथ ही मुख्यमंत्री होंगे। दिग्विजय सिंह साफ कह रहे है कि वह मुख्यमंत्री की रेस में नहीं है।
दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की बात उस समय कही जब कांग्रेस के ही कई वरिष्ठ नेता कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताने पर ऐतराज जता चुके थे। मुख्यमंत्री के चेहरे पर मीडिया के सवालों पर दिग्विजय सिंह बेबाकी से कहते है कि हमारा एक ही चेहरा हैं वो हैं कमलनाथ।
वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह संगठन को ग्राउंड लेवल पर मजबूत करने के साथ पार्टी के नाराज नेताओं को मनाने के साथ कार्यकर्ताओं को एकता का पाठ पढ़ा रहा है। दिग्विजय सिंह लगातार जिलों का दौरा कर कार्यकर्ताओं को समझाइश देने के साथ एकजुटता का संकल्प दिला रहे है। पिछले दिनों सिंगरौली पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस ही कांग्रेस को हरा रही है। प्रदेश में पार्टी की लगातार हार पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं में एकता नहीं है और चुनाव में कांग्रेस ही कांग्रेस को हरा रही है।
2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को जिन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, दिग्विजय सिंह उन सीटों पर पहुंचकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठक कर रहे है। दिग्विजय सिंह मंडलम सेक्टर की बैठक में शामिल होकर ब्लॉक, उप ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर और बीएलए स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर रहे है। दिग्विजय सिंह बूथ पर कार्यकर्ताओं को एकजुटता का पाठ पढ़ाते हुए कह रहे है कि अगर कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करेंगे तो पार्टी की जीत सुनिश्चित है। दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करके उनसे चुनाव की तैयारियों को लेकर सुझाव भी मांग रहे है। बैठक के अंत में दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर पार्टी उम्मीदवार को जिताने का संकल्प भी दिला रहे है।
वहीं दिग्विजय सिंह अपने अंदाज में भाजपा पर लगातार हमलावर है। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि इस समय मध्य प्रदेश बीजेपी का संगठन 3 अलग भागों में बंट चुका है. पहला भाग सीएम शिवराज सिंह चौहान का है, दूसरा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया वाला है और तीसरा मोर्चा 'नाराज भाजपा' का है. ये वो लोग हैं जो पार्टी से दुखी हैं। इसके साथ दिग्विजय सिंह ने भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल होना बताते हुए कहा कि पार्टी के कई नेता सूट सिलवाए बैठे हुए है।
कमलनाथ-दिग्विजय को घेरने का भाजपा का प्लान-विधानसभा चुनाव में दिग्विजय और कमलनाथ की जोड़ी को घेरने के लिए भाजपा ने भी प्लान तैयार कर लिया है। भाजपा कमलनाथ सरकार के 15 महीने की शासनकाल को मुद्दा बनाकर झूठनाथ के तौर पर प्रचारित करेगी। भाजपा ने किसान कर्जमाफी और बेरोजगारी भत्ता देने को मुद्दा बनाते हुए सोशल मीडिया पर जवाब तो देना होगा कैंपेन शुरु कर दिया है।
वहीं भाजपा की चुनावी तैयारी की समीक्षा के लिए भोपाल आए भाजपा सोशल मीडिया एवं आईटी विभाग के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने सोशल मीडिया टीम को दिग्विजय सिंह को घेरने की रणनीति में जुट जाने के निर्देश दिए। अमित मालवीय ने कहा कि पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं को दिग्विजय सरकार की कोई जानकारी नहीं होगी। दिग्विजय सरकार की कारगुजारियों को नव मतदाताओं के सामने उजागर करना सोशल मीडिया, आईटी विभाग के कार्यकर्ताओं का काम है।