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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: बुधवार, 7 जून 2023 (10:00 IST)

चुनावी राज्य मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बदले जा सकते हैं भाजपा अध्यक्ष, मोदी कैबिनेट में भी फेरबदल संभव

चुनावी राज्य मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बदले जा सकते हैं भाजपा अध्यक्ष, मोदी कैबिनेट में भी फेरबदल संभव - BJP president can be changed in election states of Madhya Pradesh and Chhattisgarh
Madhya Pradesh Political News: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार के बाद एक बार फिर चुनावी राज्यों में भाजपा संगठन में फेरबदल की खबरों ने जोर पकड़ लिया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भाजपा में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट के बीच भाजपा में बड़ी हलचल नजर आ रही है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व चुनावी राज्यों में बदलाव को लेकर अब आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे  रहा है। सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और संगठन महासचिव बीएल संतोष के बीच संगठनात्मक फेरबदल को लेकर लंबी चर्चा हुई। भाजपा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकती है।

वहीं संगठन में बदलाव की अटकलों के बीच बैठक का दौर भोपाल से ग्वाालियर तक चल रहा है। ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की बेटी की शादी  में शामिल होने पहुंचे संगठन महामंत्री शिवप्रकाश सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक की। वहीं आज शाम मुख्यमंत्री निवास पर सरकार के संभी मंत्रियों को वन-टू-वन चर्चा के लिए तलब किया गया है। 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को जिस तरह से हार का सामना करना पड़ा है उसके बाद अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मंथन के नए दौर में है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी कैबिनेट में फेरबदल की संभावना भी बढ़ गई है। मोदी कैबिनेट में होने वाले फेरबदल में चुनावी राज्यों में विशेष फोकस किया जा सकता है। अटकलें इस बात की लगाई जा रही है कि मध्यप्रदेश से मोदी कैबिनेट में कुछ नए चेहरों को शामिल करने के साथ वर्तमान में कैबिनेट में शामिल चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी के साथ राज्य में भेजा जाए जिससे चुनाव साल में सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल हो सके।
 

सवालों में मध्यप्रदेश भाजपा संगठन?- मध्यप्रदेश में चुनावी साल में भाजपा संगठन सवालों  के घेरे में है। चुनाव से पहले भाजपा में बड़े नेताओं की नाराजगी और उनकी खुलकर बयानबाजी से पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। सागर में जिस तरह से कैबिनेट भूपेंद्र सिंह के खिलाफ कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह राजपूत ने मोर्चा खोल रखा है उससे  भाजपा में अनुशासन तार-तार हो गया है।

वहीं चुनाव से ठीक पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में  है। कटनी से पूर्व विधायक ध्रुव प्रताप सिंह ने सार्वजनिक तौर पर वीडी शर्मा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए है और कांग्रेस में जाने संकेत दे दिए है। विजयराघव गढ़ से भाजपा के पूर्व विधायक ध्रुव प्रताप सिंह ने कहा वह अपनी ही पार्टी में उपेक्षित महूसस कर रहे है इसलिए वह कांग्रेस में जाने का फैसला ले सकते है। इससे पहले जबलपुर से आने वाले पूर्व विधायक हरजीत सिंह बब्बू ने भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे हलांकि बाद में वह अपनी बात से पलट गए थे और पार्टी के साथ होने  की बात कही थी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने संगठन पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी ही छोड़ दी है।

 
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