मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हिंदू और हिंदुत्व को लेकर भाजपा से आगे निकलने की होड़ में कांग्रेस
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में हिंदुत्व और भगवा के मुद्दें पर एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ दिखाई दे रही है। विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा हिंदुत्व के मुद्दें को जोर-शोर से उठाकर चुनावी माइलेज लेने में जुटी है तो दूसरी ओर कांग्रेस भी अब हिंदुत्व के मुद्दें पर कहीं से पीछे नहीं दिखाना चाहती है। मंगलवार को कांग्रेस दफ्तर में बजरंग सेना के कांग्रेस में शामिल होने पर आयोजन कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ गले में भगवा गमछा डाल जय श्री राम के नारे लगाते हुए नजर आए।
खुद को हनुमान भक्त बताने वाले कमलनाथ कहते हैं कि हिंदू और हिंदुत्व पर उनको किसी के सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है। चुनावी साल में कांग्रेस लगातार ऐसे कार्यक्रम कर रही है जिससे उसकी हिंदू और हिंदुत्व विरोधी छवि को खत्म किया जा सके। इसके लिए पार्टी एक साथ कई रणनीतियों पर काम कर ही है। पिछले दिनों कमलनाथ पुजारी प्रकोष्ठ की बैठक में शामिल हुए और सरकार में आने मठ-मंदिर पर पुजारियों के एकाधिकार की बात कही।
वहीं पार्टी चुनाव से ठीक पहले प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर धर्म रक्षा यात्रा निकालने के साथ धर्म संवाद जैसे कार्यक्रमों का सहारा ले रही है। भाजपा के राम मंदिर और हिंदुत्व की काट के लिए पार्टी रामवन गमन पथ के निर्माण को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने जा रही है।
इसके साथ पार्टी अपने कार्यक्रमों के साथ बैनर और पोस्टर और सोशल मीडिया पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की हिंदुत्व वाली छवि को लगातार मजबूत कर रही है। सोशल मीडिया पर कमलनाथ को हनुमान भक्त बताने के साथ कांग्रेस सरकार के समय किए जा रहे कामो को गिना रही है।
भाजपा को हिंदुत्व का ही भरोसा-दूसरी ओर भाजपा मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व के ही भरोसे है। पिछले दिनों सलकनपुर देवीलोक के कार्यक्रम में एक बार फिर शिवराज सरकार का नारा खूब गूंजा। वहीं चुनावी साल में भाजपा सरकार महाकाल लोक के निर्माण के साथ ओंकाराश्वेर, महेश्वर, ओरछा के साथ पीताबंरा मई का भव्य लोकार्पण का एलान कर चुकी है। धार्मिक स्थलों को भव्य स्वरूप देकर भाजपा मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व के एजेंडे को नई धार दे दी है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे पर उतरने के एक नहीं कई कारण है। हिंदुत्व का एजेंडा 2014 के बाद भाजपा की जीत की गारंटी बन गया है। भाजपा विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व पर फोकस करके सरकार के खिलाफ मौजूदा एंटी इंकमबेंसी की धार को कुंद करने की कोशिश कर रही है। हिंदुत्व का एजेंडे को बढ़ाने के लिए भाजापा चुनाव राज्यों में कॉमन सिविल कोड जैसे मुद्दों पर भी आगे बढ़ती हुई दिखाई दे सकती है।