भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है। मध्यप्रदेश में एक चरण में 17 नवंबर को एक चरण में मतदान होगा। 230 सीटों पर हो रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। अगले लगभग डेढ़ महीने तक दोनों ही दल अपने-अपने चुनावी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे और एक दूसरे पर हमलावर होने का कोई भी मौका नहीं छोड़ेंगे। आइए देखते है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस किन मुद्दों पर जनता के बीच जाने की तैयारी में है।
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भाजपा के 5 प्रमुख चुनावी मुद्दे-
1-नरेंद्र मोदी का चेहरा- मध्यप्रदेश में सत्ता में काबिज भाजपा इस बार विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ रही है। भाजपा एमपी के मन में मोदी की थीम पर अपना चुनावी कैंपेन लांच कर चुकी है। भाजपा के रणनीतिकार मानते है कि मोदी ही वह चेहरा जो राज्य में भाजपा सरकार के खिलाफ मौजूदा एंटीइंकम्बेंसी को प्रोइंकम्बेंसी में बदल सकता है। यहीं कारण है कि चुनावी साल में विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 बार मध्यप्रदेश के दौरे कर चुके है। चुनावी साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के हर अंचल ग्वालियर-चंबल, मालवा-निमाड़, विध्य, महाकौशल के साथ प्रदेश की राजधानी भोपाल में बड़े कार्यक्रमों में शामिल होने के साथ बड़ी जनसभाओं को संबोधित कर चुके है।
2-डबल इंजन सरकार- मोदी के चेहरे के साथ भाजपा डबल इंजन की सरकार के चुनावी नारे के साथ मैदान में आ डटी है। चुनावों में भाजपा वोटरों को डबल इंजन वाली सरकार के माध्यम से सीधा संदेश देने की रणनीति पर काम कर रही है। केंद्र की योजनाओं को राज्य सरकार के द्वारा बेहतर क्रियान्वयन के साथ उनको आगे बढ़ाकर वोटरों को सीधा कनेक्ट करने की कोशिश में जुटी है। भाजपा जनता को डबल इंजन सरकार (केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा सरकार) के फायदे गिनाकर सत्ता में पांचवी बार वापस आने के मिशन में जुटी हुई है। पीएम मोदी ने अपनी हर जनसभा में डबल इंजन की सरकार के फायदे को गिनाने के साथ वोटर्स को यह भी समझाने की कोशिश की है कि प्रदेश के विकास के लिए राज्य में भाजपा की सरकार होना कितना जरूरी है।
3-विकास का मुद्दा –मध्यप्रदेश में भाजपा विकास के मुद्दें पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है। पार्टी 2003 के बाद प्रदेश में भाजपा सरकार में हुए विकास को जनता के बीच भुनाने की पूरी तैयारी में है। चुनाव से ठीक पहले गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में प्रदेश में भाजपा सरकार के 20 साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखा। भाजपा बिजली, पानी, सड़क के साथ लोगों को मुफ्त आवास की सुविधा मिलने को चुनावी मुद्दा बनाकर वोटर्स को लुभाने की पूरी कोशिश में है।
4-लाड़ली बहना और लाभार्थी कार्ड- मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए लाड़ली बहना योजना और लाभार्थती कार्ड सबसे बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है। चुनावी साल में शिवराज सरकार की ओर से लाई गई लाड़ली बहना योजना के जरिए प्रदेश की डेढ़ करोड़ महिलाओं के खाते में 1250 रुपए हर महीने पहुंचा रही है। भाजपा अपने चुनावी अभियान में लाड़ली बहना योजना को प्रमुख मुद्दा बना रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिलों में जाकर लोगों से सीधा कनेक्ट कर लाड़ली बहना योजना के फायदे गिना रहे है।
इसके साथ पार्टी केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लोगों को मुफ्त में मिली रही योजनाओं को विस्तार से लोगों के बीच ले जाकर चुनावी माइलेज लेने में जुटी है। चुनाव से पहले युवाओं को रोजगार देने के साथ एक साल तक 8 हजार रुपए देने के स्टाइपेंड देने की सीखो कमाओ योजना के साथ लाड़ली बहनों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने को चुनावी मंच से भुना रही है।
5-किसान हितैषी भाजपा सरकार-मध्यप्रदेश में 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा के सत्ता से बाहर होने का प्रमुख कारण किसानों की नाराजगी और कांग्रेस का किसान कर्जमाफी का कार्ड था। यहीं कारण है कि चुनावी साल में किसानों और उससे जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार बेहद संवेदनशील है। सरकार डिफाल्टर किसानों की कर्ज की ब्याज माफी के साथ ओले और बारिश से खराब हुई किसानों की फसल को मुआवजा दे रही है। इसके साथ बारिश से खराब किसानो का गेंहू भी सरकार न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खऱीद रही है।
भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस के मुद्दे- 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा से अधिक सीटें हासिल कर सत्ता में आने वाली कांग्रेस भले ही 15 महीने में सत्ता से बाहर हो गई हो लेकिन इस बार पार्टी सत्ता में कमबैक करने की पूरी तैयारी कर रही है। सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस जमीनी तैयारी करने के साथ जनता के सामने एक विजन पेश करने जा रही है जिसको पार्टी ने वचन पत्र का नाम दिया है।
1-भ्रष्टाचार का मुद्दा – मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दें को जोर शोर से उठाकर सरकार के खिलाफ एंटीइंकम्बेंसी को भुनाने की कोशिश में है। अपने चुनावी कैंपेन में कांग्रेस प्रदेश में 50 फीसदी भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा सरकार को टारगेट कर रही है। कांग्रेस के सभी बडे नेता अपने चुनावी भाषण में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर शिवराज सरकार को टारगेट कर रहे है।
2-महिलाओं को 1500 रु और 500 में गैस सिंलेंडर- कांग्रेस अपने वचन पत्र में प्रदेश में आधी आबादी यानि महिलाओं के वोट बैंक को साधने के लिए कई बड़े वादे करने जा रही है। इसमें सत्ता में आने पर महिलाओं को 1500 रुपए हर महीने देने के साथ 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा करेगी।
3-किसानों की कर्ज माफी का वादा–2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी का जो ट्रंपकार्ड खेला था उसने कांग्रेस के पंद्रह साल के वनवास को खत्म कर एक बार फिर सत्ता तक पहुंचा दिया था।। अब कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव में फिर एक बार किसान वोट बैंक को साधने के लिए कर्जमाफी का वादा करने जा रही है। इसके साथ ही पार्टी किसानों का बिजली बिल आधा करने, किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य देने के साथ फसल का नुकसान होने पर उचित मुआवजा देने का वादा करने जा रही है।
4-युवाओं को रोजगार और बेरोजगारी भत्ता देने का वादा- विधानसभा चुनाव में कांग्रेस युवा वोटरों को साधने के लिए रोजगार देने का वादा करने के साथ सत्ता में आने पर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने जा रही है। पार्टी अपने वचन पत्र में सत्ता आने पर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ दो से ढाई हजार तक बेरोजगारी भत्ता देने का वादा कर सकती है
5-सॉफ्ट हिंदुत्व पर फोकस- विधानसभा चुनाव में भाजपा के हिंदुत्व कार्ड को चुनौती देने के कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलने की तैयारी में है। चुनाव के लिए अपने वचन पत्र में पार्टी प्रदेश में राम वन गमन पथ का निर्माण करने, सभी पंचायतों में गौशाला खोलने, नर्मदा परिक्रमा पथ को विकसित करने, धार्मिक नगरों को पवित्र घोषित करने का वादा लोगों से करने जा रही हैं।