रागिनी इंदौर की एक एडवरटाइजिंग कंपनी में काम करती हैं। उसने पढाई भी इंदौर में ही की थह, इसी दौरान वो रिलेशनशिप में आई। दो साल तक अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ उसका मिलना-जुलना चलता रहा, लेकिन जैसे ही कोरोना के दौरान लॉकडाउन लगा, उसे इंदौर छोड़कर अपने घर इलाहाबाद जाना पड़ा।
ऐसे में उसका अपने ब्वॉयफ्रेंड से मिलना-जुलना और रोमांस का सिलसिला बंद हो गया। बस, यही वो मोमेंट था जहां हाइब्रिड डेटिंग की जरूरत पड़ी।
आमतौर पर आजकल कई तरह की डेटिंग चलन में है। इसके लिए कई तरह के ऐप आ गए हैं। लेकिन वो सब तब काम करते हैं, जब आप अपने लिए किसी पार्टनर के लिए खोज कर रहे हैं। लेकिन हाइब्रिड डेटिंग वो नया ट्रेंड है, जिसमें ऑनलाइन रोमांस किया जाता है।
जब रागिनी ने इंदौर छोड़ा तो उसने अपने ब्वॉयफ्रेंड से बात करने और मिलने के लिए इसी हाइब्रिड रोमांस का सहारा लिया।
जानना दिलचस्प होगा कि किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग के दौर में हाइब्रिड डेटिंग यंगस्टर्स के लिए वरदान साबित हुई, हालांकि इसके अपने नुकसान भी है।
दरअसल, अकेलापन, तनाव और डिप्रेशन जैसे कई मामले लॉकडाउन के दौरान देखने को मिले। ऐसे में वीडियो कॉलिंग, चैट और सोशल मीडिया उभरकर सामने आए, यहीं से हाइब्रिड डेटिंग भी चलन में आया। यह एक तरह का वर्चुअल रोमांस है।
क्या है Hybrid Dating
हाइब्रिड डेटिंग में ऑनलाइन चैट और वीडियो कॉल के जरिए भी रोमांस होता है। यह ठीक ऐसा ही है जैसे आजकल दफ्तर का काम है। लोग सप्ताह में कुछ दिन दफ्तर में बैठकर काम करते हैं, जबकि कुछ दिन ऑनलाइन घर से ही काम कर लेते हैं।
कोरोना काल में ऐसे कई डेटिंग एप सामने आ गए हैं, जिन्हें युवाओं ने इन तरीकों को जमकर ट्राय किया है। साफतौर से कहें तो फिजिकली रोमांस के साथ-साथ जब वर्चुअल रोमांस भी जुड़ जाए तो यह हाइब्रीड रोमांस या डेट कहलाता है।
कैसे चलन में आया Hybrid Dating?
कोरोना संक्रमण ने जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है। कब लॉकडाउन लग जाए कोई भरोसा नहीं, घर से बाहर निकलता खतरनाक और जानलेवा हो सकता है। इसी वजह से आजकल यंगस्टर्स अपना कुछ समय अपने पार्टनर के साथ बाहर फिजिकली बिता रहे हैं तो वहीं कुछ समय वे ऑनलाइन कनेक्ट रहते हैं, जिसे वर्चुअल रोमांस कहा जाता है, इसमें कॉल, वीडियो कॉल और चैट शामिल हैं।
ऐसे Online love में रिस्क भी है
रिलेशनशिप पूरी तरह से संपर्क पर निर्भर करते हैं। ऐसे में मिलना जुलना, छूना, हकीकत में एक दूसरे को देखना और अपनी भावनाओं और एक्सप्रेशंस का आदान प्रदान शामिल है। लेकिन इस तरह के हाइब्रिड रोमांस में यह सब संभव नहीं है। ऐसे में एक डिस्टेंस हमेशा बना ही रहता है। जैसे डिस्टेंस रिलेशनशिप में भी एक वक्त के बाद एक तरह की हताशा आ जाती है, एक खीझ आ जाती है। ठीक उसी तरह से इसमें भी एक एकरसता आ जाती है।
सप्ताह में दो-तीन दिन अगर पार्टनर नहीं मिलें तो फस्ट्रैशन आ जाता है। इससे रिश्तों में खटास आ सकती है। कुछ वक्त के बाद यह मशीनी डेटिंग लगने लगती है।
रोमांटिक है, लेकिन प्राइवेसी पर भी सवाल
इस तरह की कनेक्टिविटी में आपकी निजता यानी प्राइवेसी को लेकर भी सवाल है। आजकल फेसबुक, ट्विटर, ऑनलाइन कॉलिंग, व्हाट्सएप चैट के लीक होने या डेटा लीक होने को लेकर भी हंगामा है, ऐसे में जाहिर है आप अपने पार्टनर के साथ अंतरंग बातें या विजुअल्स शेयर करते हैं तो यह रिस्की होता है। हालांकि अब तक ऐसा कोई मामला सामने आया नहीं है, लेकिन इसे लेकर एक डर हमेशा बना ही रहता है। खासतौर से जब एक कपल्स वीडियो पर बातें करेगा और अपने एक्सप्रेशंस शेयर करेगा तो यह उसकी प्राइवेसी के लिए ठीक नहीं भी हो सकता है।