हलो दोस्तो! कई बार आप यह सोचकर परेशान हो जाते हैं कि जिंदगी आए दिन आपको कठिनाइयों और मुसीबतों में क्यों उलझाती है। आखिर आपके साथ ही इतनी स्तब्ध करने वाली घटनाएँ क्यों हो जाती हैं। आप सोचने लगते हैं कि कदम-कदम पर आपको ही क्यों तमाम तरह के हैरतअंगेज पहलुओं से रूबरू होना पड़ता है।
जिस भावना को आपने हकीकत मानकर आगे कदम बढ़ाने की योजना बनाई थी वह ताश के पत्तों के महल की तरह ढेर हो गई। आपका विश्वास हिल जाता है। सारी जिज्ञासा, सारा उत्साह समाप्त हो जाता है। मन में वैराग्य व संन्यास लेने की भावनाएँ आती हैं। जीवन के प्रति आप में मशीनी भाव पैदा हो जाते हैं।
एक बार फिर कोई हौले से आपके मन का द्वार खटखटाता है तो आप उसे सुनकर भी नहीं सुनना चाहते हैं। आप उस दस्तक को अपने मन का वहम मानते हैं। मन में छुपी चाहत को आप स्वीकार करने से डरते हैं। जिस हसीन घड़ी की आपको वर्षों से तलाश रहती है उसके यूँ अचानक आ जाने पर आप आँखें चुराते फिरते हैं।
ऐसी ही हालत का सामना कर रही हैं मोली (बदला हुआ नाम)। मोली जिस लड़के से प्रेम करती थी। जिसके लिए उसने सबसे नाराजगी मोल ली। अपना घर-बार छोड़कर मोली जिसके साथ बिना किसी शर्त के जीवन साथी की तरह रहने लगी वही एक दिन बिना कोई सफाई दिए एक अमीर लड़की के साथ सात फेरे लेकर रफूचक्कर हो गया। इस हादसे के बाद मोली का सामान्य जीवन कहीं खो सा गया।
एक चंचल, खुशमिजाज लड़की मौन मशीन सी हो गई लेकिन मोली के मशीनी जीवन की लय तोड़ने का कोई साहस कर रहा है। कोई है जो मोली को उसकी पुरानी छवि दिखाना चाहता है। कोई उसे अहसास कराना चाहता है कि जीवन के सारे अनुभव एक से नहीं होते हैं। पर मोली का डर, उसे उस उजाले की ओर देखने नहीं देता है। मोली का मन कुछ और कहता है और उसका तीखा अनुभव उसे मन की बात सुनने से मना करता है।
मोली जी, आप जिस अविश्वास भरे दौर से गुजरी हैं उसके बाद किसी पर सहसा भरोसा करना आसान नहीं है। आपको लगता था आप के मन में अब किसी की आहट सुनाई नहीं दे सकती है। इसलिए असमंजस में हैं कि ऐसा कैसे हुआ। जीवन का यही दस्तूर है कि इंसान हर हादसे के बाद भी संभलकर फिर जीना चाहता है। हर बेवफाई के बाद भी वफा की उम्मीद में जीता है। हर असामान्य परिस्थिति से गुजरकर भी वह सामान्य स्थिति में आना चाहता है। इसी कशमकश के सहारे सभी के जीवन की नाव पार लगती रहती है। हजार जख्म व दर्द के बाद भी मनुष्य सुकून भरी खुशियों की आस में जीता है। और आज मोली अपने दिल में उठी इसी आस पर हैरान हैं।
मोली जी, जिस प्रकार बुरे अनुभव ने आपको भौंचक्का कर दिया था उसी प्रकार अच्छे अनुभव से भी आप आश्चर्यचकित हो सकती हैं। जरूरी नहीं है कि जिंदगी में हमेशा निराशा ही हाथ लगे। यदि दुख के बाद सुख की छांव न मिले तो इंसान जीना ही छोड़ दे। अपने आपको एक अँधेरे किले में बंद रखने के बजाय रोशनी को भीतर आने दें। इस नई दोस्ती की शुरुआत बिना किसी बड़ी अपेक्षा के करनी ठीक रहेगी। इस बार उस नेक इंसान से जो सहयोग, केयर, शुभचिंता की किरणें आप तक आती हैं, उन्हें आने दें। इन स्वस्थ भावनाओं से अपने व्यक्तित्व को फिर से मजबूत होने दें। मानसिक सुख-शांति के लिए मित्रतापूर्ण भावना का अहसास अहम होता है।
जीवन में हर अच्छी सच्ची भावना एक वरदान के समान है। मित्रता और प्रेम से जो आपका विश्वास टूटा है उसकी भरपाई एक अच्छी दोस्ती से ही हो पाएगी। बस आपको यह करना चाहिए कि इस मित्रता में आप पीछे रहें और अपने दोस्त को भावना, सहयोग, फैसले जैसे हर कदम और मोड़ पर आगे चलने दें। अव्वल तो इस बार कोई अनहोनी नहीं घटेगी क्योंकि वह आपका पुराना दोस्त है और उसके सामने सब कुछ उजागर है। यदि एक प्रतिशत बुरा मानकर भी चलें तो आपको ज्यादा कष्ट नहीं होगा क्योंकि जितनी भावना व शक्ति आप लगाएँगी दुख का अनुपात भी वही होगा।
इस दोस्ती को आप दुनिया में मौजूद भलाई के प्रतीक के रूप में देखें और सकारात्मक नजरिये को मजबूत होने दें। सतर्क रहते हुए किसी पर भरोसा करना कतई बुरा नहीं है। आपकी सकारात्मक सोच और दृढ़ व्यक्तित्व आपको हर परिस्थिति में कदम जमाकर खड़ा होने की ताकत देगा। अपने साथ-साथ दूसरों को भी सहारा देने के काबिल बनाएगा। सचेत रहते हुए दूसरों पर भरोसा करना साहस का परिचय भी है।