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Last Updated : सोमवार, 10 जून 2024 (14:26 IST)

Modi 3.0 Cabinet: मोदी सरकार में NDA ने साधा जातीय संतुलन, PDA फॉर्मूले का रखा विशेष ध्यान

अनुप्रिया पटेल तीसरी बार राज्‍यमंत्री बनने में सफल रहीं

Modi 3.0 Cabinet: मोदी सरकार में NDA ने साधा जातीय संतुलन, PDA फॉर्मूले का रखा विशेष ध्यान - Narendra Modi NDA achieved caste balance
Modi 3.0 Cabinet: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में रविवार को केंद्र में बनी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की तीसरी सरकार में उत्तरप्रदेश से प्रधानमंत्री समेत कुल 10 मंत्री शामिल किए गए हैं जिसमें जातीय संतुलन (caste balance) साधने की कोशिश की गई है। मोदी सरकार-3 में यूपी से 5 पिछड़े, 2 दलित और 3 अगड़ी जाति के नेताओं को मौका मिला है।

लोकसभा चुनाव-2024 में राज्य में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के समूह 'इंडिया' गठबंधन से करारी शिकस्त खाने वाले राजग ने मंत्रिमंडल गठन में सपा के 'पीडीए' फॉर्मूले का विशेष ध्यान रखा है।
 
यह अलग बात है कि पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) का 'ए' यानी अल्पसंख्यक वर्ग का कोई व्यक्ति मंत्री पद हासिल नहीं कर सका है। हालांकि भाजपा के एक कार्यकर्ता ने तर्क दिया कि मंत्रिमंडल में शामिल दिल्ली निवासी सिख समाज के हरदीप सिंह पुरी उत्तरप्रदेश से ही राज्यसभा के सदस्य हैं और उनका कार्यकाल नवंबर 2026 तक है।

 
एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि अल्पसंख्यकों के एक खास वर्ग का मत भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर 'इंडिया गठबंधन' के उम्मीदवारों को मिला है, इसलिए राजग की ओर से ऐसी प्रतिक्रिया स्वाभाविक है। नई सरकार में यूपी से प्रधानमंत्री मोदी समेत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय के 5 सदस्यों को शामिल किया गया है जिसमें मोदी (तेली-वैश्य), जयंत चौधरी (जाट), पंकज चौधरी (कुर्मी), अनुप्रिया पटेल (कुर्मी) और बीएल वर्मा (लोध) जाति से आते हैं। सरकार में यूपी से दलित समाज से आने वाले कमलेश पासवान (पासी) और एसपी बघेल (धनगर) बिरादरी को भी स्थान दिया गया है।

 
मोदी के बाद दूसरे नंबर पर शपथ लेने वाले राजनाथ सिंह और राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह जहां क्षत्रिय समाज से आते हैं, वहीं एक और राज्‍यमंत्री जितिन प्रसाद ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस तरह मंत्रिमंडल में अगड़ी जाति से आने वाले 3 नेताओं को अवसर दिया गया है। हरदीप पुरी को जोड़ने के बाद सिख समाज का भी प्रतिनिधित्व बनता है और यह ध्‍यान रखने की बात है कि यूपी के तराई वाले जिलों लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर और पीलीभीत आदि में सिखों की निर्णायक आबादी है।
 
मतदाताओं का रुझान 'इंडिया' गठबंधन पर रहा : 2024 के लोकसभा चुनावों में दलित मतदाताओं का रुझान ज्यादातर सीटों पर 'इंडिया' गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में रहा है। मंत्रिमंडल गठन में राजग ने चुनाव में सफलता पाने वाले यूपी के सहयोगी दलों का ध्यान रखा है लेकिन असफल हुए सहयोगी दलों को अवसर नहीं दिया।
 
अनुप्रिया पटेल तीसरी बार राज्‍यमंत्री बनने में सफल रहीं : मोदी सरकार-3 में शामिल मंत्रियों में राजग के नए सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी जहां स्‍वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री का पद हासिल करने में सफल रहे वहीं 2014 से ही राजग में शामिल अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल तीसरी बार राज्‍य मंत्री बनने में सफल रही हैं।
 
सुभासपा और निषाद को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला : चुनाव में पराजय के कारण यूपी सरकार के पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और मत्स्य मंत्री संजय निषाद के नेतृत्व वाले निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला।
 
यूपी की कुल 80 लोकसभा सीटों में भारतीय जनता पार्टी को 33, रालोद को 2 और अपना दल (एस) को सिर्फ 1 सीट मिली हैं जबकि इंडिया गठबंधन के घटक दल समाजवादी पार्टी को 37 और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली है। अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरे दलितों के नेता चंद्रशेखर आजाद नगीना सीट से चुनाव जीत गए।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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