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Last Modified: गाजीपुर , बुधवार, 15 मई 2024 (20:47 IST)

UP : नुसरत अंसारी का गाजीपुर से नामांकन निरस्त, अफजाल अंसारी लड़ेंगे चुनाव

UP : नुसरत अंसारी का गाजीपुर से नामांकन निरस्त, अफजाल अंसारी लड़ेंगे चुनाव - Mukhtar Ansari kin nomination canceled
Mukhtar Ansari kin nomination canceled : समाजवादी पार्टी से नामांकन करने वाली नुसरत अंसारी का पर्चा निरस्त कर दिया गया है। हालांकि अब स्थिति साफ हो गई है कि गाजीपुर से सपा उम्मीदवार के तौर पर में मुख्तार अंसारी के भाई आर्यका अखौरी के मुताबिक समाजवादी पार्टी के मुख्य उम्मीदवार अफजाल अंसारी है जबकि उनकी बेटी नुसरत ने सब्स्टीट्यूट के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। इसके चलते नुसरत अंसारी का पर्चा खारिज कर दिया गया है। इसके बाद अब वे निर्दलीय उम्मीदवार बन गई हैं।
 
गाजीपुर प्रशासन ने नामांकन-पत्र जांच के दौरान सपा का मुख्य प्रत्याशी अफजाल अंसारी को मानते हुए उनके उम्मीदवारी को अधिकृत घोषित कर दिया गया है। समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के तौर पर अफजाल अंसारी और उनकी बेटी नुसरत अंसारी दोनों को फार्म AB जारी किया था। इसके चलते पिता और पुत्री दोनों ने सपा से नामांकन किया था। 
 
अफजाल अंसारी का पर्चा जांच में सही पाए जाने के बाद समाजवादी पार्टी की उम्मीदवारी को लेकर चल रही अटकलों पर आज पूर्ण विराम लग गया है। अब इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर अफजाल अंसारी चुनाव लड़ेंगे। अफजाल अंसारी का गैगस्टर एक्ट केस चल रहा है। इसमें न्यायालय 20 मई को फैसला सुना सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 30 जून तक मामले की सुनवाई पूरी की जाए।

इस स्थिति में अफजाल के चुनाव लड़ने में तो दिक्कत नहीं है, यदि जीतने के बाद उन्हें जेल होती है तो एक बार फिर से उनकी संसदीय सदस्यता रद्द हो जाएगी। 1 जून को गाजीपुर में 7वें चरण का मतदान होना है जिसके लिए 17 मई तक नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है। ऐसे में यदि सपा के मुख्य उम्मीदवार अफजाल अंसारी अपना नाम वापस ले लेते हैं तो नुसरत प्रत्याशी होगी यह सस्पेंस बरकरार है। 
राजनीति की बारीकियों की समझ रखने वाले अफजाल अंसारी ने अपनी राजनीतिक धरोहर पहले ही नुसरत को सौंप दी है। अफजाल की तीन बेटियां हैं, जिसमें नुसरत सबसे बड़ी है। नुसरत की दो छोटी बहनों का विवाह हो गया है और उन्होंने खुद अविवाहित रहने का फैसला लिया है। अफजाल अंसारी को नुसरत में अपना बेटा दिखाई देता है इसलिए उन्होंने अंसारी परिवार की पहली महिला को राजनीतिक विरासत सौंपी है।

नुसरत ने लोकसभा चुनाव में ताल ठोंकते हुए अपने 4 सेट दाखिल किए थे, जिनमें से 2 सेट सपा उम्मीदवार के तौर पर और 2 सेट निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था। सपा से उम्मीदवारी खारिज होने के बाद वे अब निर्दलीय प्रत्याशी बन गई है। गाजीपुर में 7वें चरण यानी 1 जून को मतदान होना है। 
 
यदि न्यायालय का फैसला गाजीपुर में मतदान से पहले आता है और अफजाल अंसारी को जेल होती है तो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वे चुनाव लड़कर सपा समर्थकों से आशीर्वाद लेंगी या सपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेगी, यह 17 मई को पता चलेगा।
 
 गाजीपुर की जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने मीडिया को बताया है कि कुल 25 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए थे। इनमें से 11 प्रत्याशियों का नामांकन वैध पाया गया है जबकि 11 नामांकन खारिज हुए हैं। 14 प्रत्याशियों के नामांकन को आज खारिज कर दिया गया है।

नुसरत अंसारी का पर्चा चुनाव आयोग की नियमावली के मुताबिक सब्स्टीट्यूट प्रत्याशी के रूप में था, जब मुख्य प्रत्याशी का स्वीकृत हो गया तो सब्स्टीट्यूट प्रत्याशी का पर्चा स्वतः ही निरस्त हो जाता है। सपा से वे अब उम्मीदवार नहीं है। यह जानकारी नुसरत अंसारी को दे दी गई है। मीडिया ने डीएम से पूछा कि यदि अफजाल अंसारी अपना पर्चा वापस लेते है तो क्या होगा? डीएम ने कहा कि इसमें निर्वाचन आयोग की जो नियमावली है उसका पालन किया जाएगा।
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