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Last Modified: बुधवार, 23 जनवरी 2019 (15:45 IST)

लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी से मुकाबले के लिए कांग्रेस का 'ब्रह्मास्त्र' बनेंगी प्रियंका गांधी

लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी से मुकाबले के लिए कांग्रेस का 'ब्रह्मास्त्र' बनेंगी प्रियंका गांधी - Priyanka Gandhi Vadra, Congress Trump Card, Joins Politics Ahead Of Polls
नई दिल्ली। नेहरू गांधी परिवार से एक और सदस्य की राजनीति में औपचारिक इंट्री हो गई है। राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तरप्रदेश की जिम्मेदारी सौंपते हुए महासचिव बनाया गया है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने विरासत का 'ट्रंप कार्ड' खेला है।
 
प्रियंका के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तरप्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लोकसभा चुनाव में मोदी और बीजेपी को अब प्रियंका गांधी की चुनौती भी मिलने वाली है।  
 
वैसे तो 1997 में रॉबर्ट वाड्रा से शादी के बाद ही प्रियंका गांधी पॉलिटिक्स में एक्टिव हो गई थीं, लेकिन यह एंट्री अनौपचारिक थी। वे अमेठी और रायबरेली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के प्रचार में दिखाई देतीं। प्रियंका को सक्रिय राजनीति में लाने की मांग कांग्रेस कार्यकर्ता लंबे समय से करते रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि प्रियंका में उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की छवि उनमें दिखाई देती है। 
 
प्रियंका के पक्ष में सबसे बड़ी बात यह है कि वे बेहद सादगी पसंद हैं और उनमें गांधी परिवार जैसा गुमान नहीं हैं। अपनी विशिष्ट वाकपटुता से वह हर किसी के दिल में जगह बना लेती हैं। उनके पति राबर्ट वाड्रा जरूर जमीनों की वजह से विवाद में घिरे लेकिन खुद प्रियंका पर कभी कोई दाग नहीं लगा। चुनाव प्रचार में उनके भाषणों पर गौर किया जाए तो वे हमेशा नपे-तुले शब्दों का इस्तेमाल करती हैं। यही कारण है कि राहुल से कहीं ज्यादा प्रियंका लोकप्रिय हैं।  
 
लोकसभा चुनाव 2014 में उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस प्रियंका को लाकर अपनी राजनीतिक तस्वीर को बदलना चाहती है। प्रियंका अच्छी वक्ता हैं और कांग्रेस इसका फायदा उठाना चाहती है। ‍कांग्रेस में प्रियंका का चेहरा औपचारिक रूप से सामने आने से उसे महिलाओं का समर्थन भी मिलने की उम्मीद रहेगी। हालांकि यह तो लोकसभा चुनाव के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि कांग्रेस का यह 'ट्रंप कार्ड' उसके सीटों के आंकड़े में कितनी वृद्धि करता है। (वेबदुनिया न्यूज डेस्क)
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