शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. लोकसभा चुनाव 2019
  3. समाचार
  4. Model Code of Conduct Has Become Modi Code of Conduct: Congress
Written By
Last Updated : रविवार, 28 अप्रैल 2019 (07:56 IST)

चुनाव आयोग की चुप्पी पर भड़का कांग्रेस का गुस्सा, कहा- आदर्श आचार संहिता बनी ‘मोदी कोड ऑफ कंडक्ट’

चुनाव आयोग की चुप्पी पर भड़का कांग्रेस का गुस्सा, कहा- आदर्श आचार संहिता बनी ‘मोदी कोड ऑफ कंडक्ट’ - Model Code of Conduct Has Become Modi Code of Conduct: Congress
नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल उठाया। पार्टी ने आरोप लगाया कि आदर्श आचार संहिता 'मोदी कोड ऑफ कंडक्ट' (मोदी आचार संहिता) बन गई है। पार्टी दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अदालतों का दरवाजा खटखटा सकती है। 
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने चुनाव के दौरान सभी दलों के लिए समान अवसर के मुद्दे पर धोखा किया है। उन्होंने इस पर निगरानीकर्ता, चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल उठाया।
 
सिंघवी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमें आचार संहिता उल्लंघनों के लिए कार्रवाई की मांग करते हुए अदालतों का रुख करने का अधिकार है। हम इस विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। निगरानीकर्ता ने अपनी आंखें बंद कर ली है। उन्होंने कहा कि चुप्पी को मंजूरी समझा जा सकता है। 
 
क्या आचार संहिता के दायरे से बाहर है मोदी और शाह : उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को यह कहते हुए दुख हो रहा है कि चुनाव आयोग के दूसरे शब्द से ‘सी’ हट गया है और वह मोदी-शाह जोड़ी के लिए इलेक्शन ओमिशन बन गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी और शाह आचार संहिता के दायरे से बाहर हैं। उन्होंने आचार संहिता को मोदी कोड ऑफ कंडक्ट करार दिया।
 
दोनों नेताओं ने इस तरह किया आचार संहिता का उल्लंघन : सिंघवी ने दावा किया कि दोनों नेताओं ने तीन श्रेणियों में आचार संहिता का व्यापक उल्लंघन किया है - वोटों का ध्रुवीकरण, प्रचार में सशस्त्र बलों का उल्लेख करना और चुनाव वाले दिन रैलियां करना।
 
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारी शिकायतों के आधार पर कई नेताओं के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के लिए कार्रवाई की है। हम इसकी सराहना करते हैं। चूंकि मिसाल कायम की गई है, मोदी और शाह के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। 
 
सिंघवी ने कहा कि हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि जहां तक चुनाव आयोग के अधिकारक्षेत्र का सवाल है, आदर्श आचार संहिता का सवाल है तो मोदी-शाह की जोड़ी को एक तरह से खुली छूट है। 
 
उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव आयोग को तीन श्रेणियों पर दलील दी थी- नफरत फैलाने वाले भाषण, सशस्त्र बल और मतदान के दौरान प्रचार। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने इनमें से दो मुद्दों पर आदेश पारित करते हुए प्रचार गतिविधियों पर रोक लगाई थी। आयोग ने योगी पर 72 घंटे तक प्रचार करने पर रोक लगाई थी।
ये भी पढ़ें
विराट कोहली लोकसभा चुनाव में नहीं डाल पाएंगे वोट, जानिए क्या है वजह