साध्वी की भक्ति का वोट की शक्ति में बदलने का विपक्ष को डर?
भोपाल। लोकसभा चुनाव में भोपाल संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर इन दिनों पूरी तरह भक्ति में लीन हैं। विवादित बयानों के चलते आचार संहिता का दोषी पाए जाने के बाद चुनाव आयोग उन पर किसी भी प्रकार के चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटे का बैन लगा दिया है, जो गुरुवार सुबह छह बजे से लागू हो गया है।
चुनाव आयोग की इस कार्रवाई के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अपना पूरा समय मंदिरों के दर्शन करने और पूजा पाठ करने में गुजार रही हैं। गुरुवार सुबह से अब तक भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर करीब एक दर्जन मंदिरों में पूजा-अर्चना कर चुकी हैं। बैन लगने के पहले दिन साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल के कई प्रसिद्ध मंदिरों में पूजा- पाठ और भक्तों के साथ कीर्तन भी किया।
वहीं, शुक्रवार को भी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कई मंदिरों में दर्शन किए। भले ही साध्वी प्रज्ञा मंदिरों में दर्शन करने के दौरान मीडिया से कुछ बोल नहीं रही हों, लेकिन वे कहीं ना कहीं अपने वोट बैंक को जरूर साध रही हैं। सियासी जानकार कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस उम्मीदवार और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के खिलाफ कट्टर हिंदुत्व के चेहरे साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जिस उद्देश्य से उतारा था, उसमें साध्वी प्रज्ञा का मंदिर-मंदिर दर्शन और मजबूती देने का साथ ही साथ एक बड़े वोट बैंक को बिना कुछ कहे साध भी रहा है।
कांग्रेस भी इस बात का अच्छी तरह समझ रही है कि कहीं साध्वी की भक्ति कहीं वोट की शक्ति में न बदल जाए। इसलिए साध्वी प्रज्ञा के इस टेंपल रन को लेकर उसने चुनाव आयोग में शिकायत की है। कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया का कहना हैं कि बैन की इस अवधि के दौरान साध्वी प्रज्ञा जिस तरह मंदिरों के दर्शन कर रही हैं वो चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है।
कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा है कि बैन के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने पीरगेट चौराहा, सोमवारा, गुफा मंदिर और लाल घाटी क्षेत्र में भ्रमण कर चुनाव प्रचार किया। इसके साथ ही कांग्रेस ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के लगातार मंदिरों में जाने और दर्शन करने पर भी सवाल उठाए हैं।