साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग के बैन का क्या होगा असर ?
भोपाल। भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग के 72 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर बैन लगाए जाने के बाद अब सियासत फिर गर्मा गई है। ऐसे में जब ठीक दस दिन बाद 12 मई को भोपाल में वोटिंग होनी है तो साध्वी पर बैन से भाजपा की चुनावी रणनीति को तगड़ा झटका लगा है।
तीन दिनों के लिए किसी भी प्रकार के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध के बाद अब साध्वी प्रज्ञा एक तरह से अपने घर तक ही सीमित होकर रह जाएगी। इस दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के कई रोड शो और चुनावी सभाएं प्लान की थी। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और शिवराज सिंह चौहान भी इस दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने वाले थे। ऐसे में देखना होगा कि अब पार्टी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बिना कैसे अपनी चुनावी रणनीति तैयार करती है।
वहीं दूसरी ओर उनके प्रतिदंद्धी और कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह जो पहले से चुनाव प्रचार के मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से लगभग एक महीने आगे चल रहे हैं, कोशिश करेंगे कि चुनाव आयोग की इस कार्रवाई को मुद्दा बनाकर भोपाल के लोगों को अपने साथ लेने में सफल हो।
साध्वी प्रज्ञा पर चुनाव आयोग की कार्रवाई के तुरंत बाद दिग्विजय सिंह ट्वीट करते हुए इसका स्वागत करते हुए उनके नामांकन को ही खारिज करने की मांग चुनाव आयोग से कर दी है।
दिग्गी दो बार भोपाल घूमे, साध्वी ने आधा शहर भी नहीं घूमा – भोपाल लोकसभा सीट से 23 मार्च को उम्मीदवार बनने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने अब तक लगभग दो बार पूरा शहर नाप डाला है। वहीं उनकी तुलना में भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अब तक आधे शहर में भी नहीं जा पाई है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनावी कैंपेन में उनकी सेहत जहां आड़े आ रही है वहीं देरी से नाम का एलान भी होना भी इसका एक बड़ा कारण है।
एक ओर दिग्विजय सिंह एक दिन में अकेले ही 6 से 7 चुनावी सभा और कार्यक्रम में शामिल हो रहे है तो दूसरी ओर कांग्रेस के कई मंत्री और विधायक भोपाल में डेरा डालकर उनके लिए घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की सबसे बड़ी ताकत संघ का उनके समर्थन में खुलकर सामने आना है। संघ और उससे जुड़े सभी संगठन साध्वी प्रज्ञा के लिए चुनावी मैदान में उतरकर मोर्चा संभाल लिया है।
ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर चुनाव आयोग की इस कार्रवाई के बाद जब नए सिरे से चुनावी रण में आएगी तो कैसे इन तीन दिनों की भरपाई करेगी।