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मंगलवार, 15 अप्रैल 2014 (15:22 IST)
बीमार होते नौजवान
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डायबिटीज और हार्मोन के असंतुलन, तनाव, धूम्रपान और जंक फूड खाने की लत दिल पर भारी पड़ रही है। दिल की बीमारियों को आमतौर पर बुढ़ापे की तकलीफ माना जाता है लेकिन भारत में युवा तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं।
चंडीगढ़ में आयोजित तीसरे अंतरराष्ट्रीय हार्ट फेलयर सम्मेलन में फोर्टिस अस्पताल के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. एचके बाली ने बताया कि हार्ट फेलियर ऐसी स्थिति है जब हृदय की मांसपेशियां कम रक्त आपूर्ति के कारण कमजोर पड़ जाती हैं। ऐसे में हृदय पूरी तरह काम नहीं कर पाता, धड़कन बेहद धीमी पड़ जाती है और कई बार मांसपेशियों में सूजन और पानी भरने जैसी स्थिति भी होती है। ये सभी स्थितियां बाद में घातक बीमारी साबित होती हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक आज की व्यस्त और भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग कार्यस्थल और पारिवारिक तनाव से घिर रहे हैं। लोगों में मधुमेह और हार्मोनल असंतुलन के मामले भी बढ़ रहे हैं। युवाओं में धुम्रपान और जंक फूड खाने का प्रचनल बढ़ रहा है। लोग व्यायाम नहीं करते हैं। इन सभी कारणों से खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जिससे रक्त धमनियों में रुकावट होती है जो हृदय तक पर्याप्त रक्त आपूर्ति में बाधा पहुंचाती हैं। इससे हृदय की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं।
डॉ. बाली के मुताबिक धमनियों में रुकावट के कारण दिल का दौरा पड़ने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। उन्होंने बताया कि चिंता की बात यह है कि युवाओं और महिलाओं में हृदय रोग के मामले बढ़ रहे हैं। खराब कोलेस्ट्रॉल को रोकने के लिए वसायुक्त और तले पदार्थों का सेवन न करने के अलावा खानपान की आदतों और दिनचर्या में बदलाव लाना जरूरी है।