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Last Modified: गुरुवार, 9 नवंबर 2017 (11:23 IST)

पहचान में आता है भेड़ों को चेहरा

पहचान में आता है भेड़ों को चेहरा | Sheep
एक स्टडी के मुताबिक भेड़ों में चेहरे पहचानने की क्षमता होती है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस स्टडी की मदद से मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों के बारे में और भी अधिक जानकारी जुटायी जा सकेगी।
 
तस्वीरों में नजर आ रही इन भेड़ों को महज ऊन देने वाला नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि ये भेड़ें आपका चेहरा भी पहचान सकती हैं। रॉयल सोसाइटी ओपन साइंस पत्रिका में छपे एक अध्ययन के मुताबिक भेड़ों में इंसानों की तरह ही चेहरों की पहचान करने की क्षमता होती है। स्टडी के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने आठ भेड़ों का परीक्षण दिया और इसके बाद देखा कि ये पशु पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, फिल्म हैरी पॉटर की अभिनेत्री एमा वॉटसन, ब्रिटेन की एक टीवी होस्ट और अमेरिकी अभिनेता को पहचानने में सफल रही हैं।
 
पिछले शोध बताते हैं कि भेड़ उनके ईदगिर्द रहने वाले इंसानों की पहचान कर लेते हैं। लेकिन इस बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं थी कि क्या ये अंजान या नये चेहरों को भी पहचान पाते हैं। इस प्रयोग में वैज्ञानिकों ने भोजन का इस्तेमाल कर तस्वीरों के जरिए भेड़ों को इन लोगों से पहचान करवाने की कोशिश की। इस पूरे प्रयोग में भेड़ों को दस बार ये चेहरे दिखाये गये और दिलचस्प है कि दस में से 8 बार ये सही चेहरा पहचान पाए। 
 
शोधकर्ताओं ने यह भी जांचा कि क्या ये भेड़ें अलग-अलग कोणों से तस्वीरों की पहचान कर पाती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस पूरे टास्क में भेड़ों को 66 फीसदी सफलता मिली। जब इस टास्क में भेड़ों को उनके ईदगिर्द रहने वालों की तस्वीरें दिखायी, तो भेड़ 72 फीसदी सफल रहे। स्टडी बताती है कि भेड़ों को न केवल अंजाने चेहरों की पहचान करने के लिए ट्रेंनिंग दी जा सकती है, साथ ही इनके आसपास रहने वाले लोगों की पहचान भी टू-डी इमेज के जरिये करायी जा सकती है।
 
चेहरा पहचानने की काबिलियत खास तौर पर इंसानों में होती है। भेड़ों के अलावा, चिंपांजी, गाय, बकरियां, कबूतर अपने परिवारों की पहचान कर लेते हैं। वहीं कुछ स्टडी बताती हैं कि घोड़े, कुत्ते, भेड़ आदि पशु अन्य प्रजातियों के चेहरे भी पहचान सकते हैं। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि भेड़ों की इस स्टडी की मदद न्यूरोडिजनरेटिव बीमारियां मसलन ह्यूटिंगटन रोगों में की जा सकेगी। रिसर्चर उम्मीद कर रहे हैं कि इस स्टडी से सामान्य मस्तिष्क को समझने में मदद मिलेगी जिसके बाद यह समझना आसान हो सकता है कि बीमारी ग्रस्त दिमाग कैसे काम करता है।
 
- चेस विंटर/एए
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