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Written By DW
Last Modified: शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022 (07:54 IST)

हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन ने किया बड़ा वादा

हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन ने किया बड़ा वादा - uk to enhance security in indo pacific
ब्रिटेन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए 2.5 करोड़ पाउंड खर्च करने की घोषणा की है। दोनों देशों ने चीन की नीतियों की आलोचना के साथ यह ऐलान किया।
 
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुलाकात के बाद ऐलान किया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वह 2।5 करोड़ पाउंड यानी लगभग ढाई अरब रुपए दिए जाएंगे।
 
गुरुवार को वीडियो के जरिए हुई बातचीत में दोनों प्रधानमंत्री ने चीन की नीतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने चीन के पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग के बारे में चीन की नीतियों पर गंभीर चिंता जताई। पश्चिमी ताकतें आरोप लगाती हैं कि चीन शिनजियांग में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहा है। इसके अलावा ताइवान खाड़ी में उसके आक्रामक व्यवहार को लेकर भी चिंता जताई गई।
 
स बैठक में यूक्रेन के हालात पर भी चर्चा हुई। साझा बयान में कहा गया, "दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि तनाव कम किए जाने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन में रूस का कोई भी बढ़ता कदम भयंकर रणनीतिक भूल होगी और उसकी भारी मानवीय कीमत चुकानी होगी।”
 
ब्रिटेन के ढाई अरब रुपए
ब्रिटेन ने जो ढाई अरब रुपए खर्च करने का ऐलान किया है। वह हिंद-प्रशांत सुरक्षा समझौते के तहत हुआ है। मॉरिसन और जॉनसन ने साझा बयान में कहा कि यह धन साइबर और नौसैनिक परिधियों में क्षेत्र की शक्ति बढ़ाएगा और राष्ट्रीय खतरों के प्रति उसे मजबूत बनाएगा।
 
ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह बैठक एक हफ्ता पहले हुई क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के फौरन बाद हुई है। पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हुई क्वॉड की बैठक में अमेरिका, जापान और भारत के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को "आक्रामकता” से मुक्त कराने पर प्रतिबद्धता जाहिर की थी। इसे चीन की आर्थिक और सैन्य आक्रामकता पर एक परोक्ष हमले के रूप में देखा गया।
 
शिनजियांग पर चिंता
जॉनसन और मॉरिसन ने कहा कि शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन की विश्वसनीय रिपोर्ट उपलब्ध हैं और यह गंभीर चिंता की बात है। साथ ही उन्होंने हांग कांग में चीनी आक्रामकता पर भी बात की। उन्होंने कहा, "चीन को हांग कांग की स्वायत्तता, अधिकार और स्वतंत्रताओं की सुरक्षा करनी चाहिए।”
 
अमेरिका ने चीन पर शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों के नरसंहार का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि चीन शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों को बंदीगृहों में यातनाएं दे रहा है। चीन इन आरोपों को सिरे से खारिज करता रहा है।
 
2020 में चीन ने हांग कांग में एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून थोपा था। इस कानून को आलोचक हांग कांग की स्वायत्तता और स्वतंत्रता में कटौती के जरिया मानते हैं। उनका कहना है कि यह कानून 1997 में हांग कांग को चीन को सौंपे जाते वक्त हुए ‘एक देश, दो व्यवस्थाओं' वाले समझौते के विरुद्ध है।
 
वीके/एए (रॉयटर्स, एपी)
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