गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. To whom is Amir Dubai feeding free loaves?
Written By DW
Last Updated : गुरुवार, 29 सितम्बर 2022 (09:10 IST)

अमीर दुबई किसे मुफ्त में खिला रहा है रोटियां?

अमीर दुबई किसे मुफ्त में खिला रहा है रोटियां? - To whom is Amir Dubai feeding free loaves?
दुबई के सुपर मार्केट में ऐसी वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं जिनसे जनता को जरूरत के मुताबिक मुफ्त में रोटी मिल सके। दुनिया के सबसे अमीर शहरों में से एक दुबई जहां करोड़पतियों और अरबपतियों की कोई कमी नहीं हैं और वहां की गगनचुंबी इमारतें शहर की रईसी बयां करती हैं, लेकिन एक पहलू यह भी है कि यहां कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो विदेशों से आकर पैसे कमाते हैं।
 
दुनिया में खाने-पीने की चीजों की बढ़ती मांग के कारण सबसे अमीर देश भी गरीबी की समस्या से जूझ रहे हैं। खाद्य कीमतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए दुबई ने मुफ्त रोटी बांटने का एक अनोखा तरीका पेश किया है। गगनचुंबी इमारतों का यह रेगिस्तानी शहर, जहां इसका लगभग सारा भोजन आयात किया जाता है, वैश्विक खाद्य कमी और बढ़ती कीमतों से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। खासकर यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से दुनिया में अनाज के दाम आसमान छूने लगे हैं।
 
पिछले हफ्ते दुबई के सुपर मार्केट में ऐसी 10 वेंडिंग मशीनें लगाई गईं जिनमें लोग कम्प्यूटर टच स्क्रीन की मदद से अलग-अलग तरह की ब्रेड चुन सकते हैं। इसमें सैंडविच बनाने के लिए ब्रेड, पित्त रोटी या भारतीय रोटी मिल सकती हैं। 
 
क्या खास है मशीन में?
 
मशीन में क्रेडिट कार्ड स्लॉट भी है, लेकिन यह दान करने के लिए है, भुगतान करने के लिए नहीं। नेपाल के एक श्रमिक ने कहा कि उसे इन मशीनों के बारे में एक दोस्त से पता चला और अब वह वहां अपने लिए रोटी लेने आया है।
 
अपना पूरा नाम नहीं बताने की शर्त पर बिगंदर ने कहा कि वह दुबई में कार की धुलाई का काम करता है। लाखों एशियाई प्रवासियों की तरह बिगंदर ने संयुक्त अरब अमीरात में किस्मत चमकाने का सपना देखा और इसे साकार करने के लिए दुबई चला आया।
 
दुबई एक ऐसा शहर है जिसकी लोकप्रियता पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ी है। दुबई स्टैटिस्टिक्स सेंटर के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में वहां खाने की कीमतों में 8.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और परिवहन की लागत में 38 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई।
 
इन ब्रेड मशीनों को दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम द्वारा स्थापित फाउंडेशन की तरफ से लगाया है। फाउंडेशन की निदेशक जैनब जुमा अल-तमीमी कहती हैं कि प्रोजेक्ट के पीछे का विचार यह है कि वंचित परिवारों और श्रमिकों को हमारे पास आने की जरूरत नहीं है, उसके बजाय हमें उन तक जाना है।
 
उन्होंने कहा कि अब किसी भी जरूरतमंद को सिर्फ 1 बटन दबाकर गर्म रोटी मिल सकती है। तेल समृद्ध यूएई की आबादी लगभग 1 करोड़ है जिनमें से 90 प्रतिशत विदेशी हैं। अधिकांश प्रवासी कामकाजी पेशेवर हैं, जो एशिया और अफ्रीका से रोजगार की तलाश में यहां बस गए हैं।
 
दुबई में भी गरीबी
 
दुबई संयुक्त अरब अमीरात का वाणिज्यिक केंद्र है, जो गगनचुंबी इमारतों, सर्विस सेक्टर, रियल एस्टेट और लक्जरी पर्यटन के लिए विदेशों से श्रमिकों की एक सेना पर निर्भर है। पिछले 3 सालों से यहां काम कर रहे बिगंदर का कहना है कि वह हर वाहन की सफाई के लिए 3 दिरहम यानी लगभग 65 रुपए कमाते हैं। अपने वेतन और ग्राहकों के टिप्स के साथ वह 1 महीने में 700 से लेकर 1,000 दिरहम के बीच कमाते हैं।
 
बिगंदर कहते हैं कि मेरा मालिक मेरे रहने और परिवहन के लिए भुगतान करता है, लेकिन भोजन शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच बेहतर वेतन की मांग को लेकर डिलीवरी एजेंटों ने भी इस साल मई में असाधारण हड़ताल की थी।
 
इसी साल जुलाई में अधिकारियों ने सामाजिक सहायता को दोगुना करने की घोषणा की, लेकिन केवल कुछ मुट्ठीभर अमीराती परिवारों के लिए जिनकी आय 1 महीने में 25 हजार दिरहम से कम है और उन्हें वंचित माना जाता है। हालांकि इस सहायता कार्यक्रम में विदेशियों को शामिल नहीं किया गया है।
 
पिछले 20 सालों से दुबई में रहने वाले जॉर्डन के एक व्यापारी फादी अल-रशीद का कहना है कि महंगाई और बढ़ती ब्याज दरों के कारण कई लोग ऐसे हैं जिनकी मजदूरी कम है और वे इस महंगाई में जीवन-यापन नहीं कर सकते हैं।
 
संयुक्त राष्ट्र वैश्विक प्रवासन रिपोर्ट के मुताबिक यूएई लगभग 87 लाख प्रवासियों का घर है जिनमें मुख्य रूप से भारतीय, बांग्लादेशी और पाकिस्तानी हैं। लंदन स्थित इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन कंसल्टेंसी हेनली एंड पार्टनर्स का अनुमान है कि दुबई में 68,000 से अधिक करोड़पति और 13 अरबपति हैं, जो शहर को दुनिया में 23वां सबसे अमीर बनाता है।(फ़ाइल चित्र)
 
एए/वीके (एएफपी)
ये भी पढ़ें
इंटरनेट बंदी में भारत का रिकॉर्ड सबसे खराब, लोगों की जा रहीं नौकरियां