शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. PM modi to focus on economy and security in brics summit
Written By DW
Last Modified: मंगलवार, 22 अगस्त 2023 (08:26 IST)

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: मोदी किन मुद्दों को उठा सकते हैं

modi
PM Modi in BRICS Summit : भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को जोहांसबर्ग की यात्रा पर रवाना हो गए। वे वहां आयोजित होने वाले 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग भी इस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
 
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22 से 24 अगस्त तक चलेगा और इसमें दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज लूला डी सिल्वा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे।
 
यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के चलते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं होंगें।
 
प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में खाद्य असुरक्षा, आर्थिक सहयोग और ब्रिक्स समूह के सदस्यों की संख्या बढ़ाने जैसे एजेंडों पर चर्चा में भाग लेंगे। मोदी मंगलवार को बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे, जहां उनसे ऐसे समय में ब्रिक्स के महत्व को रेखांकित करने की उम्मीद है जब दुनिया अभी भी महामारी, यूक्रेन युद्ध के परिणामों से जूझ रही है।
 
मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि मोदी अपनी सरकार की कुछ उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालेंगे। साथ ही वे भारत में डिजिटल टांर्सफॉर्मेशन और इज ऑफ डुइंग बिजनेस का मुद्दा प्रमुखता से उठा सकते हैं।
 
मोदी और शी पर नजरें
शिखर सम्मेलन के पहले दिन पीएम मोदी पहली बार चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के आमने-सामने होंगे। पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की छोटी सी बातचीत हुई थी। हालांकि किसी भी पक्ष ने अभी तक आधिकारिक द्विपक्षीय वार्ता का प्रस्ताव नहीं दिया है और न ही दोनों पक्षों ने बैठक से इनकार नहीं किया है।
 
पिछले दिनों चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था, बयान में कहा गया था कि पिछले साल बाली जी20 शिखर सम्मेलन में मोदी और जिनपिंग के बीच संबंधों को स्थिर करने के लिए सहमति बनी थी। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान में कहा था दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी।
 
27 जुलाई को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की ओर से आयोजित रात्रि भोज के अंत में एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता पर बात की थी।"
 
brics summit
ब्रिक्स क्यों हैं अहम
बीते दिनों चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में एक लेख छपा था। इस लेख में यह बताने की कोशिश की गई कि किस तरह से पश्चिमी देश विशेष तौर पर अमेरिका, भारत और चीन के जटिलता वाले रिश्तों को तूल दे रहे हैं।
 
लेख में कहा गया कि किस तरह ऐसा करके ब्रिक्स के भविष्य को कम आंक कर दिखाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन चीन अपनी ओर से ये उम्मीद भी जता रहा है कि सीमा विवाद के मुद्दों का असर न तो द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा और न ही ब्रिक्स पर।
 
इस बीच भारतीय सेना और चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 18 अगस्त को पूर्वी लद्दाख में गतिरोध दूर करने के लिए दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और चेसुल क्षेत्रों में मेजर जनरल स्तर की वार्ता की थी। इससे पहले दोनों देशों के सैन्य अफसरों के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक हो चुकी है।
 
संभावना है कि पीएम मोदी यूक्रेन युद्ध को तुरंत समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति के जरिए इसका समाधान निकालने की आवश्यकता को दोहरा सकते हैं। पिछले साल ब्रिक्स वार्ता की मेजबानी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने की थी और मोदी ने इस मौके पर आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। इस बार भी वे आतंकवाद के मुद्दे को उठा सकते हैं।
ये भी पढ़ें
यूएन: एआई से कर्मचारियों को नुकसान के बजाय फायदा होगा