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Written By DW
Last Modified: बुधवार, 12 मई 2021 (11:51 IST)

इसराइल ने कहा : गाजा पर हमले तो बस शुरुआत हैं

इसराइल ने कहा : गाजा पर हमले तो बस शुरुआत हैं - Israel said, Attacks on Gaza are just the beginning
फलस्तीनी उग्रवादी संगठनों का कहना है कि उन्होंने इसराइल के तेल अवीव शहर पर 130 मिसाइलें दागी हैं। उनके मुताबिक ऐसा इसराइल द्वारा गाजा पट्टी में एक इमारत पर हमले के बाद किया गया। इस 13 मंजिला इमारत पर हमला होने से करीब डेढ़ घंटा पहले स्थानीय लोगों और इमारत में रहने वालों को खाली करने की चेतावनी दी गई थी।

इसराइली सेना का कहना है कि वे पहले हुए रॉकेट हमलों का जवाब दे रहे थे। कई सालों बाद हुई सबसे तेज हिंसा में अब तक 32 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें दस बच्चे हैं। तेल अवीव पर हुए हमलों में एक व्यक्ति की मौत हो गई। दो नागरिक अशकेलों शहर में हुए हमलों में मारे गए हैं, जिनमें एक भारतीय नागरिक भी शामिल है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, रॉकेट हमलों में इसराइल की एक अहम पाइपलाइन को नुकसान पहुंचा है।

यह तो बस शुरुआत है
इसराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू और रक्षामंत्री बेनी गांत्स ने मंगलवार को टीवी पर राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि गाजा में उग्रवादियों को तेल अवीव पर हमले की भारी कीमत चुकानी होगी। रक्षामंत्री गांत्स ने कहा कि ये हवाई हमले तो बस एक शुरुआत हैं। संयुक्त राष्ट्र में मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के दूत तोर वेनेसलैंड ने चेतावनी दी है कि हालात एक पूर्ण युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हालात पर चिंता जताई है। दुनियाभर के नेताओं ने तेल अवीव पर रॉकेट हमलों की निंदा की है और हिंसा फौरन बंद करने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कहा है कि बुधवार को इस मसले पर आपातकालीन बैठक बुलाई जाएगी।

इस बैठक में वेनेसलैंड सभी 15 सदस्य देशों को हालात की जानकारी दे सकते हैं। यह बैठक चीन, ट्यूनिशिया और नॉर्वे की अपील पर बुलाई गई है। वैसे मौजूदा हालात पर सुरक्षा परिषद ने अभी कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह सुनिश्चित करना चाहता है कि सुरक्षा परिषद का बयान हिंसा को और न भड़का दे। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन इसराइल के अपने लोगों की रक्षा के वैध अधिकार का समर्थन करते हैं और हमास और अन्य आतंकवादी संगठनों के रॉकेट हमलों की निंदा करते हैं।

साकी ने कहा कि बाइडेन सरकार इसराइल-फलस्तीन संकट का हल दो राष्ट्र वाले सिद्धांत पर करने का समर्थन करता रहेगा। जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने भी इसराइल की प्रतिक्रिया का बचाव किया है। उन्होंने कहा, इसराइल को इस स्थिति में अपनी सुरक्षा का अधिकार है। हिंसा को बढ़ावा न सहन किया जाएगा, न स्वीकार।

मौजूदा तनाव की वजह
येरुशलम में पिछले कई दिन से तनाव बना हुआ है। इस पवित्र शहर के बीचोबीच स्थित अल अक्सा मस्जिद के पास दो पक्षों में भारी हिंसक झड़पें हो रही हैं और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। ये झगड़े इसराइली अधिकारियों द्वारा शेख जारा इलाके में रह रहे फलस्तीनियों को हटाने की कार्रवाई के बाद शुरू हुए हैं।

रविवार को अल अक्सा मस्जिद के पास रमजान की सबसे पवित्र मानी जाने वाली रातों में से एक के दौरान इसराइली पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। इसके बाद देश के न्याय मंत्रालय ने लोगों को शेख जारा इलाके से हटाने के लिए हो रही सुनवाई रद्द कर दी। येरुशलम पर इसराइल के कब्जे का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक राष्ट्रवादी ध्वज-मार्च भी रद्द कर दिया गया, क्योंकि आयोजकों को फलस्तीनी इलाकों से न गुजरने को कहा गया था।

इसी दौरान गाजा से येरुशलम के इलाकों पर रॉकेट हमले किए गए। इनके जवाब में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, गाजा के आतंकी संगठनों ने लाल रेखा पार कर दी है। येरुशलम के बाहरी इलाकों में हम पर मिसाइलों से हमला किया है।हमास के रॉकेट हमले शुरू होने के बाद पश्चिमी दीवार के पास रह रहे यहूदी परिवारों को हटा लिया गया।
- वीके/एए (रॉयटर्स, एपी, एएफपी, डीपीए)
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