मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. Imran Khan's party will be banned in Pakistan
Written By DW
Last Updated : मंगलवार, 2 अगस्त 2022 (19:42 IST)

पाकिस्तान: अवैध चंदे के आरोप में बैन हो सकती है इमरान खान की पार्टी

पाकिस्तान: अवैध चंदे के आरोप में बैन हो सकती है इमरान खान की पार्टी - Imran Khan's party will be banned in Pakistan
रिपोर्ट : चारु कार्तिकेय
 
पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई को अवैध चंदा लेने का दोषी पाया है। दोषी साबित होने के बाद पार्टी और खान दोनों को राजनीति से ही बैन किया जा सकता है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग के 3 सदस्यीय न्यायाधिकरण ने पीटीआई को 34 विदेशी नागरिकों या विदेशी कंपनियों से चंदा लेने का दोषी पाया जिसकी पाकिस्तान का कानून इजाजत नहीं देता है।

न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि पार्टी ने अपने बैंक खातों के बारे में फर्जी हलफनामा दायर किया था और इसके अलावा 13 बैंक खातों की जानकारी को छिपाया भी था। इस फैसले के बाद खान और उनकी पार्टी दोनों पर हमेशा के लिए बैन लग सकता है। मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि आयोग के मुताबिक पार्टी इस प्रतिबंधित धनराशि का मूल्य 21,21,500 डॉलर था। आयोग ने पीटीआई से कहा है कि उसके पास इकट्ठा चंदे को क्यों जब्त न कर लिया जाए, इस बारे में वो स्पष्टीकरण दे।
 
पीटीआई ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वो इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी। पार्टी के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने इस्लामाबाद में आयोग के दफ्तर के बाहर पत्रकारों को बताया कि जिस चंदे की बात की जा रही है, वो विदेश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों ने भेजा था और यह अवैध नहीं है। इस मामले में पार्टी के खिलाफ शिकायत पार्टी के संस्थापक और इमरान खान के पूर्व करीबी सहयोगी अकबर एस. बाबर ने नवंबर 2014 में की थी।
 
क्या होगा इमरान खान का?
 
फैसले का स्वागत करते हुए बाबर ने पत्रकारों से कहा कि खान के खिलाफ सभी आरोप साबित हो गए हैं और अब उन्हें पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। फैसले के बाद पाकिस्तान की राजनीति में नई उठापटक की आशंकाहै। खान 2018 से अप्रैल 2022 तक देश के प्रधानमंत्री थे, लेकिन अप्रैल में संसद में एक विश्वास प्रस्ताव हार जाने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। उसके बाद पीएमएलएन के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बन गए थे।
 
खान तब से पूरे देश में रैलियां कर रहे हैं और फिर से आम चुनाव कराए जाने की मांग कर रहे हैं। खान की रैलियों में हजारों लोग आ रहे हैं। उनमें खान अपने लंबे-लंबे भाषणों में यह दावा कर रहे हैं कि नई सरकार एक अमेरिकी साजिश के तहत पाकिस्तान के लोगों पर थोपी गई है। वो नई सरकार को तेजी से बढ़ती महंगाई के लिए भी जिम्मेदार ठहराते आए हैं जबकि अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि ये आर्थिक समस्याएं शरीफ को विरासत में मिलीं।
 
हाल ही में उनकी पार्टी ने आबादी के हिसाब से पाकिस्तान के सबसे बड़े राज्य पंजाब की असेंबली में 20 सीटों पर हुए उपचुनावों में 15 सीटों पर जीत हासिल की। इन उपचुनावों को उनकी और उनकी पार्टी की लोकप्रियता की परीक्षा माना जा रहा था। उपचुनावों को राष्ट्रीय चुनावों के लिए देश के मतदाताओं के मिजाज का संकेत भी माना जा रहा था। राष्ट्रीय चुनाव अगले साल अक्टूबर से पहले कराए जाने हैं, लेकिन खान सत्ता गंवाने के बाद पूरे देश में चुनाव जल्द कराने की मांग लिए कैंपेन कर रहे हैं।
 
(रॉयटर्स, डीपीए)
ये भी पढ़ें
ताइवान और चीन : क्या है इनके बीच का विवाद?