दुनिया का गंजापन ढंकते भारत के बाल
इंसान के बालों का बाजार। सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन भारत दुनिया में बालों का सबसे बड़ा विक्रेता है।
उपासना का तरीका
दक्षिण भारत के तिरुमाला मंदिर में जाने वाली महिला श्रद्धालु अपने बाल मुंडवाती हैं। श्रद्धालुओं के मुताबिक मनोकामना पूरी होने पर बाल ईश्वर को चढ़ाये जाते हैं।
अलग तरीका
आम तौर पर हिन्दू धर्म के रिवाजों में बच्चों और पुरुषों के बाल ही उतारे जाते हैं। लेकिन तिरुमाला में कुछ समुदायों की महिलाएं भी बाल मुंडवाती हैं।
हर दिन हजारों मुंडन
हर दिन लाखों लोग तिरुपति बालाजी मंदिर जाते हैं। करीब 20,000 लोग प्रतिदिन अपने बाल दान करते हैं। महिलाओं के लंबे बाल बाजार के लिए ज्यादा मुफीद माने जाते हैं।
कहां जाते हैं बाल
तिरुपति और तिरुमाला मंदिर प्रशासन बालों को बेच देता है। बाल हेयर ड्रेसिंग से जुड़े मझोले कारोबारी खरीदते हैं। महिलाओं के लंबे बालों को धोने के बाद रंग कर सुखाया जाता है।
हाथ का बारीक काम
धुलाई, रंगाई और सुखाई के बाद बालों को अच्छे से सुलझाया जाता है। मशीन और कंघी की मदद से उन्हें संवारकर अलग अलग लंबाई की लटें बनाई जाती है।
हर तरह के बाल
विदेशी ग्राहकों के असली बाल बेचने वालों के पास हर तरह की वेरायटी होती है। काले, लाल, सुनहरे, घुंघराले या सीधे बाल। 2015 में भारत ने 2000 करोड़ रुपये के बाल बेचे।
कहां है बाजार
भारतीय बालों का बाजार पूरी दुनिया में फैला है। ये बाल यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और कनाडा तक जाते हैं। पुरुषों के बालों का इस्तेमाल विग, दाढ़ी और नकली मूंछे बनाने के लिए होता है।
रिपोर्ट: ओंकार सिंह जनौटी