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Written By DW
Last Updated : मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019 (12:42 IST)

क्या कुत्ता पालने वाले लोग ज्यादा जीते हैं?

क्या कुत्ता पालने वाले लोग ज्यादा जीते हैं? - Dog owners live more
एक रिसर्च में सामने आया है कि कुत्ता पालने वाले लोगों को हार्टअटैक या स्ट्रोक आने और उससे मौत होने का खतरा कम होता है। इसकी एक पुख्ता वजह भी सामने आई है।
 
अगर आपने कुत्ता पाल रखा है तो आप कुत्ता न पालने वाले लोगों की तुलना में थोड़ा ज्यादा जीने वाले हैं। ऐसा एक रिसर्च से पता चला है। 'अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल' में प्रकाशित एक रिपोर्ट और एक मेटा एनालिसिस में यह बात सामने आई है। रिसर्च के मुताबिक कुत्ता पालने वाले लोग कुत्ता न पालने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा जीते हैं। हार्टअटैक या स्ट्रोक का शिकार हो चुके लोगों के लिए भी कुत्ता पालना फायदेमंद साबित होता है। अकेले रहने वाले लोगों के लिए यह और भी फायदेमंद साबित हुआ है।
 
रिसर्चरों ने हार्टअटैक या स्ट्रोक का शिकार हो चुके लोगों पर यह स्टडी की। इन लोगों में कुत्ता पालने वाले और न पालने वाले दोनों शामिल थे। रिसर्च में शामिल हार्टअटैक झेल चुके करीब 1 लाख 82 हजार लोगों में से करीब 6 प्रतिशत लोगों के पास पालतू कुत्ता था। स्ट्रोक का शिकार हो चुके करीब 1 लाख 55 हजार लोगों में से 5 प्रतिशत लोगों ने कुत्ता पाला हुआ था। ये सभी स्वीडन के नागरिक थे।
स्वीडिश नेशनल हेल्थ डाटा का इस्तेमाल कर कुत्ता पालने और न पालने वाले लोगों के हार्टअटैक या स्ट्रोक के बाद स्वास्थ्य की तुलना की। उन्होंने पाया कि कुत्ता पालने वाले लोगों की हार्टअटैक या स्ट्रोक आने पर मौत होने की संख्या कुत्ता न पालने वाले लोगों की तुलना में कम थी। इसका कारण कुत्ता पालने पर शारीरिक गतिविधि बढ़ जाने और अकेलेपन के कम हो जाने को माना गया है।
 
रिसर्च में पाया गया कि कुत्ता पालने और अकेले रहने वाले लोगों को हार्टअटैक आने पर अस्पताल में भर्ती करवाए जाने पर मौत की संभावना 33 प्रतिशत कम होती है, वहीं परिवार के साथ रहने और कुत्ता पालने वाले लोगों में इस तरह मौत की संभावना 15 प्रतिशत कम होती है। स्ट्रोक आने पर कुत्ता पालने और अकेले रहने वाले लोगों की मौत की संभावना 27 प्रतिशत कम होती है, वहीं परिवार के साथ रहने और कुत्ता पालने वाले लोगों की ऐसी स्थिति में मौत की संभावना 12 प्रतिशत कम होती है।
 
1950 से मई 2019 तक की गई 10 रिसर्च रिपोर्टों का एक साथ मेटा एनालिसिस किया गया। कुल मिलाकर इन रिसर्चों में करीब 38 लाख लोग शामिल हुए। इस एनालिसिस के मुताबिक कुत्ता पालने वाले लोगों की किसी भी बीमारी द्वारा अप्राकृतिक मौत होने की आशंका कुत्ता पालने वाले लोगों से 24 प्रतिशत कम होती है, वहीं कुत्ता पालने वाले लोगों की हार्टअटैक होने पर मौत होने की संभावना कुत्ता न पालने वालों की तुलना में 65 प्रतिशत कम होती है। दिल से जुड़ीं बीमारियां होने की आशंका भी कुत्ता पालने लोगों से 31 प्रतिशत कम होती है।
 
स्वीडन की उपसला यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर टोव फॉल का कहना है, 'असमय मौत होने और सेहत खराब होने में अकेलापन एक बड़ा कारण होता है। पुरानी रिसर्चों से भी ये साबित होता है कि कुत्ता पालने वाले लोगों को कम अकेलेपन का सामना करना पड़ता है। उनकी लोगों के साथ बातचीत ज्यादा होती है। साथ ही कुत्ता पालने वाले लोग शारीरिक रूप से भी ज्यादा सक्रिय रहते हैं। उनका मानसिक स्वास्थ्य भी ज्यादा अच्छा होता है। ये भी स्वस्थ रहने का एक बड़ा कारण है। रिसर्च में कुत्ता पालना हार्टअटैक और स्ट्रोक झेल चुके मरीजों के लिए अच्छा साबित हुआ है। इस बारे आगे भी पता लगाने की कोशिश जारी रहेगी।' (डॉयचे वेले)
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