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Last Modified: मंगलवार, 28 मार्च 2017 (15:52 IST)

डायनासोरों से भरा था ऑस्ट्रेलिया का 'जुरासिक पार्क'

डायनासोरों से भरा था ऑस्ट्रेलिया का 'जुरासिक पार्क' - dinosaur in australia
ऑस्ट्रेलिया में हॉलीवुड फिल्म 'जुरासिक पार्क' की ही तरह सच में कई डायनासोर रहा करते थे। देश के दूर दराज के तटीय इलाके में 21 अलग अलग तरह के डायनासोर ट्रैक मिले हैं, जिसका मतलब यह हुआ कि यहां कई तरह के डायनासोर रहे होंगे।
 
वैज्ञानिकों ने इसे ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय जुरासिक पार्क का नाम ही दे दिया है। क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी और जेम्स कुक यूनिवर्सिटी के पेलियोऑन्टोलॉजिस्ट ने इस खोज के बारे में बताया है कि दुनिया में इतनी विभिन्नताओं वाली यह पहली खोज है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के किम्बर्ली इलाके में 14 करोड़ साल पुरानी चट्टानों के पास खुदाई से इन ट्रैक्स का पता चला है।
 
'मेमॉयर ऑफ द सोसायटी ऑफ वर्टिब्रेट पेलियोऑन्टोलॉजी' में प्रकाशित हुए इस पेपर के लीड ऑथर स्टीव सैलिसबरी बताते हैं कि इन ट्रैक्स का दुनिया में कहीं भी मुकाबला नहीं है। सैलिसबरी ने कहा, "यह बहुत अहम है। महाद्वीप के इस हिस्से में ना उड़ने वाले डायनासोरों के प्राइमरी रिकॉर्ड के रूप में और क्रीटेशियस काल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के डायनासोरों की एकलौती झलक के लिहाज से।"
 
उन्होंने इसे, "एक जादुई जगह" - "ऑस्ट्रेलिया का अपना जुरासिक पार्क" नाम दिया है। यहां मिले डायनासोर ट्रैक्स में दुनिया के सबसे बड़े टैक शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया में स्टीगोसॉरस के होने का भी साक्ष्य मिला है।
 
सन 2008 में यह सारे साक्ष्य खोते खोते बचे। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के इस इलाके की पहचान बहुत बड़े लिक्विड नैचुरल गैस की प्रोसेसिंग साइट स्थापित करने के लिए की गयी थी। तभी इस घोषणा से चिंतित होकर इलाके के गूलाराबूलू कहलाने वाले अबोर्जिनल लोगों ने सैलिसबरी और उनकी टीम से संपर्क किया और उनसे यहां जांच करने को कहा।
 
रिसर्चरों ने 400 से भी ज्यादा घंटे इस इलाके में जांच करते हुए और डायनासोरों के ट्रैक के साक्ष्यों को दर्ज करते हुए बिताए। गूलाराबूलू अधिकारी फिलिप रो ने बताया, "हम पूरी दुनिया के सामने लाना चाहते थे कि कैसी चीज पर खतरा मंडरा रहा है।"
 
ऑस्ट्रेलिया के अबोर्जिनल लोगों की कई तरह की आस्थाएं हैं। उनकी आस्था में धरती, आध्यात्मिकता, कानून, सामाजिक जीवन और पर्यावरण सब जुड़े हुए हैं। डायनासोरों के इस ट्रैक की कहानी भी उन्होंने अपने पूर्वजों से सुनी थी।
 
यहां के गांवों को 2011 में राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा मिल गया और इसी के साथ गैस प्रोजेक्ट की योजना भी खत्म हो गयी। इस इलाके में करीब 150 ट्रैक मिले हैं, जिन्हें मोटे तौर पर 21 प्रकार के ट्रैक्स में बांटा जा सकता है। रिसर्चरों का मानना है कि इन से कम से कम चार प्रकार के डायनासोर तो रहते ही होंगे। छह तरह के ट्रैक से लंबी गर्दन वाले शाकाहारी डायनासोर निकले होंगे। चार ट्रैक दो पैरों पर चलने वाले शाकाहरी ऑर्निथोपॉड्स के इस्तेमाल में आए होंगे। ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर डायनासोर फॉसिल अब तक देश के पूर्वी हिस्से में मिले थे।
 
- आरपी/एके (एएफपी) 
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