गुरुवार, 26 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. Controversy over making gurdwara a mosque in Pakistan
Written By DW
Last Updated : बुधवार, 29 जुलाई 2020 (18:10 IST)

पाकिस्तान में गुरुद्वारे को मस्जिद बनाने पर विवाद

पाकिस्तान में गुरुद्वारे को मस्जिद बनाने पर विवाद - Controversy over making gurdwara a mosque in Pakistan
- चारु कार्तिकेय

पकिस्तान के लाहौर में गुरुद्वारा शहीदी अस्थान को मस्जिद बनाए जाने की खबरों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान में 'अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लिए न्याय' की मांग की है। पाकिस्तान के लाहौर में एक गुरुद्वारे को मस्जिद बनाए जाने की खबरों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सोमवार को भारत सरकार ने पाकिस्तान के उच्च आयोग से इस विषय पर कड़ा विरोध दर्ज किया।

लाहौर के नौलखा बाजार स्थित गुरुद्वारा शहीदी अस्थान को सिख शहीद भाई तारु सिंह की शहादत का स्थान माना जाता है। तारु सिंह 18वीं सदी में लाहौर में रहने वाले एक सिख थे और माना जाता है कि उन्होंने सिख मूल्यों की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी थी। जहां उनकी मृत्यु हुई थी वहीं पर उनकी याद में बाद में एक गुरुद्वारा बनाया गया जिसे शहीदी अस्थान के नाम से जाना जाता है।

इस गुरुद्वारे को लेकर लंबे समय से विवाद है। कई मुस्लिम मानते हैं कि वहां स्थित एक पुरानी मस्जिद अब्दुल्ला खान मस्जिद को जबरन गुरुद्वारे में बदल दिया गया था जबकि कई सिख इस बात से इंकार करते हैं। पाकिस्तान में कुछ लोग इस पुराने विवाद को एक बार फिर खड़ा करना चाह रहे हैं और भारत में इस बात को लेकर काफी चिंता है।

विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा है कि गुरुद्वारा शहीदी अस्थान एक 'ऐतिहासिक गुरुद्वारा' है, सिखों के लिए 'श्रद्धा का एक स्थल है' और इसे मस्जिद घोषित किए जाने की मांग को लेकर भारत में गंभीर चिंता है। पाकिस्तान में 'अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लिए न्याय' की मांग करते हुए मंत्रालय ने भारत में पाकिस्तान के उच्च आयोग से मांग की है कि मामले की जांच की जाए और 'उपचारात्मक कदम' उठाए जाएं।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी इस विषय पर चिंता जाहिर कर गुरुद्वारे को मस्जिद घोषित करने की मांग की निंदा की है और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अपील की है कि वे पंजाब के लोगों की चिंताएं पाकिस्तानी अधिकारियों के सामने मजबूत ढंग से रखें। पाकिस्तानी सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में बनने वाला पहला हिन्दू मंदिर विवादों में घिर गया था। इस श्रीकृष्ण मंदिर कॉम्प्लेक्स के निर्माण की अनुमति 2017 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) सरकार ने दी थी, लेकिन कई वजहों से इसके निर्माण में देरी होती चली गई।

मंदिर बनाने के कदम को उदारवादी मुस्लिम तबकों से सराहना मिली लेकिन कुछ मुस्लिम समूह इसका विरोध कर रहे हैं। लाहौर की जामिया अशरफिया ने एक फतवे में मंदिर बनाए जाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की। विभाजन के समय पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी लगभग 25 प्रतिशत थी। अब पाकिस्तान में सिर्फ 5 प्रतिशत अल्पसंख्यक बचे हैं।