वरिष्ठ कैथोलिक धर्मगुरु पर लगे यौन अपराध के आरोप
कार्डिनल जॉर्ज पेल को 1970 में पादरी बनाया गया था। विक्टोरिया की पुलिस के मुताबिक उसी वक्त उन पर कई यौन अपराधों को लेकर शिकायत दर्ज की गयी थीं।
कैथोलिक गिरजे के मुख्यालय वैटिकन के पोप फ्रांसिस के मुख्य सलाहकार कार्डिनल जॉर्ज पेल पर ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने यौन अपराध के कई आरोप तय किये हैं। वैटिकन के वित्त मंत्री के तौर पर पेल इस तरह के आरोपों का सामना करने वाले पहले चर्च अधिकारी होंगे। हालांकि, पेल ने इन आरोपों का खंडन करने हुए खुद को बेगुनाह बताया है और चर्च के उच्च अधिकारियों ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया जाकर कानूनी लड़ाई लड़ने की इजाजत दे दी है।
पिछले साल अक्टूबर में देश के सबसे वरिष्ठ कैथोलिक धर्मगुरु पेल से ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने रोम में इस मामले में पूछताछ की थी। 76 वर्षीय पेल ने कहा कि मैं कोर्ट पहुंचने वाले दिन का इंतजार कर रहा हूं। और मैं इस बात को दोहराता हूं कि मैं निर्दोष हूं और मुझ पर लगाये गये आरोप झूठे हैं।
पेल 1970 में पादरी बने थे। विक्टोरिया की पुलिस के मुताबिक उस वक्त भी यौन अपराधों को लेकर उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गयी थीं। पुलिस ने पेल पर लगाये गये आरोपों के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी है। ना ही पुलिस ने कथित पीड़ितों की उम्र के बारे में कुछ बताया है। अभी यह बात भी सामने नहीं आ सकी है कि यह अपराध कब हुए थे। पेल को मेलबर्न मजिस्ट्रेट कोर्ट में 18 जुलाई को पेश होने के आदेश मिले हैं।
इस मामले में पेल ने किसी भी सवाल का जवाब देने से इंकार करते हुए कहा कि मीडिया उनका चरित्र हनन कर रही है। उन्होंने कहा कि वे ऑस्ट्रेलिया से वापस लौटकर रोम में काम करना चाहते हैं।
चर्च में हो रहे यौन अपराधों के बारे में सबसे पहला मामला 2002 में सामने आया था। उस वक्त यह बात सामने आयी थी कि अमेरिका के बॉस्टन में यौन अपराधों के आरोपी बिशप्स को उनके पदों से हटाने के बजाए उन्हें स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके बाद दुनिया के कई देशों से इस तरह के मामले सामने आये। इन मामले में हो रही छानबीन से पीड़ितों को भी इस बात का हौसला मिला कि वे चर्च की छवि के बारे में न सोचकर सामने आयें और अपनी शिकायतें दर्ज करायें।
एसएस/आरपी (रॉयटर्स)