स्पॉट फिक्सिंग मामले में बट्ट, आसिफ दोषी करार
क्रिकेट को कलंकित करने वाले पाकिस्तान के दो क्रिकेटरों को लंदन की एक अदालत ने स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाया है। क्रिकेट के इतिहास में यह पहला अवसर है जबकि अदालत ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान सलमान बट्ट और मोहम्मद आसिफ को स्पॉट फिक्सिंग में लिप्त पाया है। इसमें इन क्रिकेटरों को अधिकतम 7 साल की सजा हो सकती है। सजा का ऐलान गुरुवार को होगा। फिलहाल अदालत ने यह फैसला नहीं सुनाया है कि स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाए कितनी सजा भुगतनी पड़ेगी। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच अगस्त 2010 में लॉर्ड्स क्रिकेट टेस्ट में तीन क्रिकेटरों ने सट्टेबाज मजहर माजिद के साथ मिलकर स्पॉट फिक्सिंग की थी और यह स्टिंग ऑपरेशन 'न्यूज ऑफ वर्ल्ड' के रिपोर्टर ने किया था। इस पूरे मामले में स्पॉट फिक्सिंग की सभी बातें कैमरे में कैद हुई थी कि मैच के एक दिन पहले एक-एक नो बॉल कब फेंकी जाएगी। इसके लिए आरोपी क्रिकेटरों ने मोटी रकम ली थी। इस टेस्ट मैच के आखिरी ओवर में आसिफ ने नोबॉल फेंकी थी और तब सलमान बट्ट पाकिस्तानी टीम के कप्तान।इस टेस्ट मैच में कप्तान सलमान बट्ट ने 9, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर ने क्रमश: एक और दो नोबॉल फेंकी थी। जब इस मामले का खुलासा हुआ तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इन क्रिकेटरों पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन आईसीसी के सामने जब प्रतिबंध हटाने की अपील की गई तो फिर यह पूरा मामला अदालत में पहुंचा। स्पॉट फिक्सिंग मामले की सुनवाई कर रही 12 सदस्यीय ज्यूरी वीडियो फुटेज देखने के बाद सर्वसम्मति से इस निर्णय पर पहुंची कि वाकई पाकिस्तानी क्रिकेटर दोषी हैं और इसके बाद ही लंदन के साउथवार्क क्राउन कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कुक ने ज्यूरी का फैसला सुनाया। सनद रहे कि पाकिस्तान में मैच फिक्सिंग के भूत ने जब अपना सिर ऊंचा उठाया था, तब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश कयूम ने इसकी जांच की थी और कयूम ने अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा था कि न केवल वर्तमान खिलाड़ी बल्कि पूर्व सितारा क्रिकेटर भी मैच फिक्सिंग में लिप्त हैं। कयूम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि पूर्व कप्तान वसीम अकरम, वकार यूनुस और इंजमाम उल हक को पीसीबी कोई भी बड़ी जिम्मेदारी नहीं दें क्योंकि ये क्रिकेटर फिक्सिंग में शामिल रहे हैं लेकिन पीसीबी ने उनकी रिपोर्ट को नजर अंदाज कर दिया था।(वेबदुनिया न्यूज)