Last Modified: नई दिल्ली ,
मंगलवार, 1 नवंबर 2011 (23:46 IST)
बीसीसीआई भी आरटीआई के दायरे में!
भारतीय क्रिकेट बोर्ड सार्वजनिक संस्था है और सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत आता है या नहीं, यह फैसला करने के लिए केंद्रीय सूचना आयोग इस मामले को अपनी बड़ी पीठ को सौंप सकता है।
टीवी कैमरों की मौजूदगी में आयोग की पहली सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त एमएल शर्मा ने संकेत दिए कि इस मामले को बड़ी पीठ को सौंपा जा सकता है। बीसीसीआई के वकील अमित सिब्बल के आपत्ति जताने के बाद कैमरों को बाहर ले जाने का आदेश दिया गया।
शर्मा ने सिब्बल से कहा मैं यह फैसला नहीं करने वाला कि आप (बीसीसीआई) सार्वजनिक संस्था है या नहीं। मैंने यह सुनवाई आपके आग्रह पर की है जिससे कि मैं फैसला कर सकूं कि क्या यह मामला बड़ी पीठ को भेजा जा सकता है। इसलिए फिलहाल मेरा अधिकार क्षेत्र काफी सीमित है।
इस सुनवाई में सबकी काफी रुचि थी और टीवी कैमरों को पहली बार सुनवाई की कवरेज की इजाजत दी गई थी और कुछ चैनलों ने सुनवाई की लाइव कवरेज की योजना बनाई थी।
लेकिन सिब्बल के पहुंचते ही सब कुछ बदल गया। सूचना आयुक्त ने उनसे कहा कि क्या वह सुनवाई की रिकॉर्डिंग से ‘सहज’ हैं। सिब्बल ने कहा कि सुनवाई की रिकॉर्डिंग नहीं होने चाहिए जिसके बाद सूचना आयुक्त ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को सुनवाई की रिकॉर्डिंग रोकने को कहा। (भाषा)