• Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. समाचार
  4. yuvraj singh announces retirement from international cricket
Written By
Last Updated : सोमवार, 10 जून 2019 (20:05 IST)

'सिक्सर किंग' और कैंसर विजेता के रूप में याद रखे जाएंगे युवराज सिंह

Yuvraj Singh। 'सिक्सर किंग' और कैंसर विजेता के रूप में याद रखे जाएंगे युवराज सिंह - yuvraj singh announces retirement from international cricket
नई दिल्ली। भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में शुमार युवराज सिंह को भारतीय क्रिकेट में 'सिक्सर किंग' और कैंसर विजेता के रूप में याद किया जाएगा।
 
37 वर्षीय युवराज ने मुंबई में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज अपनी जबरदस्त बल्लेबाजी के लिए पूरी दुनिया में विख्यात थे और भारत को 2011 में 28 साल बाद विश्व चैंपियन बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी जिसके लिए उन्हें 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' का खिताब मिला था।
 
भारत को विश्व चैंपियन बनाने के बाद उन्हें अपने कैंसर से पीड़ित होने का पता चला। उन्हें पता चला कि उनके दोनों 2 फेफड़ों के बीच में ट्यूमर है। लेकिन उन्होंने कैंसर जैसी भयानक बीमारी पर विजय प्राप्त कर क्रिकेट के मैदान पर वापसी की थी।
 
हालांकि कैंसर से वापसी करने के बाद युवराज पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे लेकिन उनकी संघर्ष क्षमता, साहस और जज्बे का सभी ने लोहा माना। विश्व कप के दौरान युवराज ने खून की उल्टियां तक की थीं लेकिन उन्होंने किसी को इस बात का पता नहीं चलने दिया।
 
उन्होंने संन्यास का ऐलान करते हुए कहा कि इस खेल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है कि कैसे लड़ना है और गिरने के बाद फिर से कैसे उठना है और आगे बढ़ना है? युवराज के करियर में कई यादगार पल रहे थे जिसमें 2011 का वर्ल्ड कप जीतना सबसे महत्वपूर्ण था। उन्होंने 2007 के ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के 1 ओवर में 6 छक्के जमाए थे जिसके बाद उन्हें 'सिक्सर किंग' का खिताब मिला था।
 
युवराज ने 2011 के विश्व कप में 4 अर्द्धशतक और 1 शतक बनाया था तथा 15 विकेट भी झटके थे। अपने इस प्रदर्शन की बदौलत वे 'मैन ऑफ द' टूर्नामेंट बने थे। इस विश्व कप में उन्होंने 90.50 के औसत से 362 रन बनाए और 15 विकेट लिए।
 
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल से पहले डॉक्टरों ने उन्हें नहीं खेलने की सलाह दी थी लेकिन वे न सिर्फ मैदान में उतरे, बल्कि भारत की जीत के हीरो भी रहे। उन्होंने उस मैच में 57 रनों की पारी खेली थी।
 
युवराज का जन्म 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में हुआ था। बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज ने 3 अक्टूबर 2000 को केन्या के खिलाफ अपना एकदिवसीय पदार्पण किया था। कुल 304 वनडे मैच खेलने वाले युवराज ने 8,701 रन बनाए। उन्होंने अपने वनडे करियर में 52 अर्द्धशतक और 14 शतक जड़े हैं। उन्होंने अपना आखिरी एकदिवसीय मैच 30 जून 2017 को विंडीज के खिलाफ खेला था।
 
उन्होंने अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 16 अक्टूबर 2003 को मोहाली में न्यूजीलैंड के खिलाफ की थी। उन्होंने अपने 40 अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच में 1,900 रन बनाए जिसमें 11 अर्द्धशतक और 3 शतक शामिल हैं। युवराज ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 9 दिसंबर 2012 को कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था।
 
'सिक्सर किंग' युवराज ने 13 सितंबर 2007 को स्कॉटलैंड के विरुद्ध अपने ट्वंटी-20 करियर का पदार्पण किया था। कुल 58 ट्वंटी-20 मैचों में उन्होंने 1,177 रन बनाए। उन्होंने ट्वंटी-20 फॉर्मेट में 8 अर्द्धशतक लगाए हैं। युवराज ने 1 फरवरी 2017 को बेंगलुरु में इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय ट्वंटी-20 मैच खेला था।
 
क्रिकेट में उनकी शानदार उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने साल 2012 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया और फिर 2 साल बाद देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक अलंकरण पद्मश्री से नवाजा।
 
2014 में आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पंजाब के इस खिलाड़ी को 14 करोड़ रुपए में खरीदा था और इसके बाद 2015 में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) ने युवराज को 16 करोड़ रुपए में अपने साथ जोड़ा था। इस तरह युवराज आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने थे। इस साल आईपीएल में युवराज मुंबई टीम का हिस्सा बने थे।
ये भी पढ़ें
संन्यास के बाद युवराज सिंह बोले, मेरी मां शबनम सिंह मेरी ताकत हैं