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Last Updated : सोमवार, 10 जून 2019 (23:10 IST)

युवराज सिंह ने कहा, मेरे पिता 'ड्रैगन' की तरह थे और वे धोनी को पसंद नहीं करते थे

Yuvraj Singh। युवराज सिंह ने कहा, मेरे पिता 'ड्रैगन' की तरह थे और वे धोनी को पसंद नहीं करते थे - Yuvraj Singh
मुंबई। पूर्व भारतीय हरफनमौला क्रिकेटर युवराज सिंह ने सोमवार को कहा कि उनके पिता योगराज सिंह 'ड्रैगन' की तरह हैं लेकिन उन्होंने उनके साथ मतभेदों को खत्म कर दिया है। युवराज के उनके पिता के साथ अच्छे रिश्ते नहीं रहे। लेकिन इस हरफनमौला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से अलविदा कहने से पहले उन्होंने उनसे 'सुलह' कर ली है।
 
युवराज ने कहा कि अभी 2 दिन पहले जब मैं उन्हें अपने संन्यास के फैसले के बारे में बता रहा था तब मैंने उनसे सुलह कर ली। जब मैं उनसे बात कर रहा था तब भयभीत था और बचपन के दिनों की याद ताजी हो गई। उन्होंने इस पर अपना पक्ष रखा। मेरे लिए उनसे सुलह करना सुकून देने वाला पल था, क्योंकि पिछले 20 साल में मैंने उनसे कभी भी इस तरह से बात नहीं की थी।
 
उन्होंने कहा कि वे हमेशा मेरे लिए ड्रैगन की तरह थे और मेरे लिए ड्रैगन का सामना करना काफी मुश्किल काम था। योगराज ने भारत के लिए 1 टेस्ट और 6 एकदिवसीय मैच खेले। उन्होंने युवराज को क्रिकेट के अलावा कोई खेल खेलने नहीं दिया। युवराज ने भी अपने पिता के सपने को न सिर्फ साकार किया बल्कि उनका 17 साल का करियर काफी सफल रहा।
 
युवराज ने कहा कि मैंने उनके साथ सुलह कर ली। बचपन से ही उन्होंने मुझे क्रिकेट के अलावा कोई और खेल नहीं खेलने दिया। जब मैं क्रिकेट खेलता था तब वे इसकी सराहना करते थे। सौभाग्य से मेरे लिए यह भाग्यशाली साबित हुआ। मैं क्रिकेट का लुत्फ उठाने लगा और इसमें अच्छा किया।
 
37 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि अपनी जिंदगी के बारे में पिता, माता और परिवार से बात करना अच्छा रहा। मैं सुलह करना चाहता था और आज सोमवार का दिन बिलकुल उपयुक्त था। योगराज ने कई बार भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने धोनी की तुलना 'रावण' से करते हुए कहा था कि युवराज को उनके कारण टीम से बाहर किया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि धोनी कभी भी युवराज को पसंद नहीं करते थे।
 
युवराज ने कहा कि मेरे पिता और मेरा रिश्ता बिलकुल अलग रहा है लेकिन हम दोनों अब आगे बढ़ गए हैं। मैंने सुलह कर ली है लेकिन मुझे उनके बारे में पता नहीं। पूरी जिंदगी उन्होंने मीडिया में बयान देकर मेरे लिए मुश्किल खड़ी की।
 
उन्होंने कहा कि वे खुश हैं कि मैं संन्यास ले रहा हूं और वे मेरे खेल से संतुष्ट हैं। उन्होंने मेरे द्वारा अपना सपना पूरा किया। जब कपिल देव ने विश्व कप उठाया था तो वे टीम में नहीं थे लेकिन जब मैंने विश्व कप उठाया तो उन्होंने वही खुशी महसूस की। (भाषा)
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