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Last Updated : सोमवार, 5 अप्रैल 2021 (22:47 IST)

लगातार दूसरी बार कोरोना के साए में होगा IPL, जानिए क्या होता है बायो सेक्योर बबल

लगातार दूसरी बार कोरोना के साए में होगा IPL, जानिए क्या होता है बायो सेक्योर बबल - What is bio secure bubble
पिछले साल इस समय यह बायो बबल शब्द किसी ने सुना भी नहीं होगा। सुनने की जरूरत ही क्यों पड़ती भला, जब कोरोना वायरस संक्रमण ही पिछले साल लगभग इस ही समय आया था। क्रिकेट समेत विश्व भर के सभी प्रमुख टूर्नामेंट स्थगित हो गए कुछ रद्द हो गए। 
 
लेकिन क्रिकेट को शुरु होने में ज्यादा समय नहीं लगा। क्रिकेट के सबसे पारंपरिक प्रारूप के जरिए खेल को नए नियम में मेजबानी की जिम्मेदारी इंग्लैंड ने ली। कोरोना काल की पहली सीरीज इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज की टेस्ट श्रृंखला रही। लगभग 4 श्रंखलाए इंग्लैंड ने अपने घर पर ही खेली। 
 
कुछ सीरीज देखकर बीसीसीआई में आत्मविश्वास आया आईपीएल 2020 को शुरु करने की कवायद शुरु हुई। लेकिन संयुक्त अरब अमीरात में खेला जाने वाले इस टूर्नामेंट से बायो सेक्योर बबल मशहूर हो गया। इस टूर्नामेंट का बायो सेक्योर बबल किसी भी द्विपक्षीय श्रंखला से खासा बड़ा होने वाला था।
 
 
यह दूसरी बार होगा जब दूसरी बारआईपीएल बायो सेक्योर बबल में खेला जाएगा। स्टेडियम में कोई दर्शक नहीं होगे। बस गनीमत यह है कि इस बार भारत में ही यह टूर्नामेंट होगा संयुक्त अरब अमीरात मेंं नहीं। लेकिन यह बायो सेक्योर बबल होता क्या है। 
 
यह बायो सेक्योर बबल होता क्या है?
 
बायो सेक्योर बबल इसका हिंदी में अर्थ है जैव सुरक्षा वातावरण। इसका नाम सुनकर लोग सोचते हैं कि एक बड़े बबल में खिलाड़ी क्रिकेट खेलेंगे लेकिन ऐसा नहीं है। कोविड से रोकथाम के लिए बनाए गए नियम को बायो सेक्योर बबल कहा जाता है। इसके दायरे में खिलाड़ी, कोच, उनका सपोर्ट स्टाफ भी आता है। जितनी ज्यादा टीमें उतना बड़ा यह बबल। यही कारण है कि खिलाड़ियों को उनके वैग्स यानि कि पत्नी या प्रेमिका या फिर परिवार के अन्य किसी सदस्य को आईपीएल 2020 में दुबई साथ ले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी और इस बार भी ऐसी ही संभावना है।
 
 
विदेशी खिलाड़ी जैसे ही खिलाड़ी टूर्नामेंट के लिए एयरपोर्ट पर उतरते हैं यह बायो सेक्योर बबल सक्रिय हो जाता है। एयरपोर्ट पर लैंड करते ही खिलाड़ियों को 2 हफ्ते तक क्वारंटीन होना पड़ता है। 
 
इसके बाद ही वह खेल का अभ्यास शुरु कर सकते हैं। लेकिन इस दौरान वह मैदान से सीधा होटल रूम ही जा सकेंगे। आईपीएल शुरु होने के बाद भी यह नियम ही लागू होगा। इसके बाद भी सभी खिलाड़ियों की हफ्ते में दो बार कोरोना जांच होगी। बबल का पूर्ण उद्देश्य यह है कि खिलाड़ी का किसी भी अनजाने व्यक्ति से संपर्क न हो जिससे कोविड संक्रमण का खतरा न के बराबर हो।

 
बाहर निकलने पर क्या होता है?
 
अगर किसी खिलाड़ी ने अपने किसी दोस्त, परिवार वाले या होटल स्टाफ के अलावा किसी अनजान व्यक्ति से मुलाकात की तो उसे एकांतवास में रखा जाएगा और दो बार कोरोनावायरस रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही मैदान पर खेलने का मौका मिलेगा। बबल इंटेग्रिटी मैनेजर्स ' इस प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी रखेंगे और किसी तरह का उल्लंघन होने पर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे। 
 
बीसीसीआईने बनाई SOP, 12 बायो बबल
 
बीसीसीआई ने इन गाइडलाइंस को आईपीएल की मानक संचालक प्रक्रिया (एसओपी) में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रोटोकॉल के रूप में नामित किया है। सभी टीमों को इनसे अवगत करा दिया गया है। इन एसओपी के तहत बीसीसीआई आईपीएल के लिए कुल 12 बायो बबल बनाएगा, जिसमें से आठ टीमों के लिए, दो मैच अधिकारियों और दो मैच प्रबंधन टीम, जबकि दो ब्रॉडकास्ट कॉमेंटेटर और क्रू के लिए होंगे।
 
 
हालांकि भारत और इंग्लैंड के बीच जारी सीमित ओवरों की श्रृंखला में शामिल क्रिकेटरों को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए 7 दिनों के कठिन पृथकवास से नहीं गुजरना पड़ा क्योंकि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार दोनों टीम के खिलाड़ियों को एक बायो-बबल (जैव-सुरक्षित माहौल) से दूसरे में जाना था।
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