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Last Modified: बुधवार, 19 दिसंबर 2018 (17:58 IST)

इंग्लैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया में भी ओपनिंग जोड़ी बढ़ा रही विराट का सिरदर्द

इंग्लैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया में भी ओपनिंग जोड़ी बढ़ा रही विराट का सिरदर्द - Virat Kohli, Lokesh Rahul, Murali Vijay
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रचने के इरादे से उतरी थी लेकिन दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली को इंग्लैंड की तरह मौजूदा ऑस्ट्रेलिया दौरे में भी अपनी कमजोर ओपनिंग जोड़ी का सिरदर्द झेलना पड़ रहा है।
 
 
भारत की 11 वर्ष बाद इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने में सबसे बड़ी बाधा उसकी ओपनिंग जोड़ी बनी थी और ऑस्ट्रेलिया में भी कहानी बदली दिख नहीं रही है। चार टेस्टों की सीरीज में पहला एडिलेड टेस्ट 31 रन से जीतने के बाद भारतीय टीम अपनी ऐतिहासिक जीत से काफी उत्साहित थी लेकिन पर्थ में वह लय खो बैठी और 146 रन के बड़े अंतर से मैच हार बैठी जिससे अब दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं। 
 
विराट ने हालांकि साफ तौर पर अपने खिलाड़ियों को लताड़ नहीं लगाई है लेकिन भारत की दूसरे टेस्ट में हार और ऑस्ट्रेलिया की जीत में एक बड़ा फर्क उसका बल्लेबाजी क्रम और खासकर ओपनिंग जोड़ियां रहीं। सीरीज की शुरुआत से ही भारतीय कप्तान इस बात को मान रहे हैं कि ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर जीतने के लिए बड़ी साझेदारियां करना जरूरी होगा, लेकिन उसी रणनीति में भारत अब तक विफल रहा है। 
पर्थ टेस्ट को देखें तो जहां ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में मार्कस हैरिस और आरोन फिंच ने 70 और 50 रन की पारियां खेलकर पहले विकेट के लिए 112 रन की शतकीय साझेदारी। इससे टीम के मध्य और निचले क्रम को खुलकर रन बनाने का साहस मिला और टीम ने उछाल भरी तेज एवं घसियाली पिच पर 326 का बड़ा स्कोर बना डाला जिसकी खुद अपेक्षा विराट ने नहीं की थी। 
 
वहीं भारत की पहली पारी में लोकेश राहुल ने 02 रन और मुरली विजय ने शून्य का स्कोर किया और ओपनिंग जोड़ी के तौर पर उनका योगदान 06 रन रहा। खराब शुरुआत और ओपिनंग विकेट जल्द गंवाने से मध्यक्रम पर दबाव बना। कप्तान विराट ने 123 रन की साहसिक शतकीय पारी खेलकर स्थिति संभालने की कोशिश जरूर की लेकिन दूसरी पारी में भी स्थिति वैसी ही रही। 
 
भारत की दूसरी पारी में भी राहुल और मुरली की ओपनिंग जोड़ी कोई योगदान नहीं दे सकी और इस बार उनका योगदान शून्य रहा। राहुल इस बार भी बल्ले से प साबित हुए और खाता खोल नहीं सके तो मुरली ने 20 रन बनाए। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया की ओपनिंग जोड़ी ने दूसरी पारी में 59 रन जोड़े।

भारतीय कप्तान ओपनिंग में लगातार राहुल को मौका दे रहे हैं जो निरंतर निराश ही कर रहे हैं। राहुल ने अपने आखिरी नौ टेस्टों में केवल एक शतक बनाया है। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ द ओवल टेस्ट में एक पारी में 149 रन बनाए थे, लेकिन इसके अलावा उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। राहुल ने पहले एडिलेड टेस्ट में 02 और 44 रन बनाए थे जबकि पर्थ में 02 और शून्य रन बनाए। 
 
इससे पहले इंग्लैंड में पहले बर्मिंघम टेस्ट की दो पारियों में 4, 13, दूसरे लार्ड्स टेस्ट में 8, 10, तीसरे नाटिंघम टेस्ट में 23, 36, चौथे साउथम्प्टन टेस्ट में 19, शून्य, पांचवें ओवल टेस्ट में 37, 149 रन की पारियां खेली हैं। अन्य विशेषज्ञ टेस्ट बल्लेबाज मुरली के प्रदर्शन को देखें तो उन्होंने एडिलेड में 11, 18 और पर्थ में 0 तथा 20 रन की पारियां खेलीं। 
हालांकि इंग्लैंड दौरे में उन्हें टीम में ज्यादा मौका नहीं मिला लेकिन बर्मिंघम में उन्होंने 20, 06 रन बनाए जबकि लार्ड्स टेस्ट में दोनों पारियों में शून्य, शून्य पर आउट हुए। 
 
इंग्लैंड में शिखर धवन और मुरली की ओपनिंग जोड़ी कप्तान विराट के लिए परेशानी बढ़ा रही थी जो टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दिला सकी थी जबकि ऑस्ट्रेलिया में शिखर को टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली है। लेकिन मुरली और राहुल जैसे अनुभवी बल्लेबाजों की ओपनिंग जोड़ी का निराशाजनक प्रदर्शन बदला नहीं है। 
 
भारत की ओपनिंग जोड़ी के खराब प्रदर्शन के कारण ही मेलबोर्न और सिडनी के शेष दो टेस्टों के लिए टीम में मयंक अग्रवाल को शामिल किया गया है जिन्हें संभवत: ओपनिंग में मौका दिया जा सकता है। भारत को अभ्यास मैच में बेहतरीन अर्द्धशतक लगाने वाले ओपनर पृथ्वी शॉ के चोटिल होकर सीरीज से बाहर होने से भी झटका लगा है जो ओपनिंग में मजबूत विकल्प माने जा रहे थे। 
 
विदेशी जमीन पर टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की हार की बड़ी वजहों में उसके ओपनरों का खराब प्रदर्शन रहा है। इंग्लैंड में 2014 में खेली गई पिछली सीरीज में भी भारतीय ओपनरों ने बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया था और भारत 1-3 से सीरीज हार गया था। इस साल जनवरी में दक्षिण अफ्रीका दौरे में भी भारत को अपनी ओपनिंग जोड़ी से परेशानी झेलनी पड़ी थी और वह यह सीरीज 1-2 से गंवा बैठा था। (वार्ता)
 
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