9 टेस्ट और वनडे मैच खेलने वाले इस भारतीय गेंदबाज ने लिया संन्यास
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वरूण आरोन का क्रिकेट से संन्यास
एक समय भारत के सबसे तेज गेंदबाज रहे वरूण आरोन ने चोटों से कैरियर प्रभावित रहने के बाद शुक्रवार को क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया जब उनकी टीम झारखंड का विजय हजारे ट्रॉफी में अभियान समाप्त हो गया।पैतीस वर्ष के आरोन ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी । झारखंड की टीम विजय हजारे ट्रॉफी के प्रारंभिक दौर से आगे नहीं जा सकी।आरोन ने इंस्टाग्राम पर लिखा , पिछले 20 साल से मैं तेज गेंदबाजी को समर्पित रहा हूं। आज पूरी कृतज्ञता के साथ मैं आधिकारिक तौर पर क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं।
आरोन ने 21 वर्ष की उम्र में 2010 . 11 विजय हजारे ट्रॉफी में अपना हुनर दिखाया था और गुजरात के खिलाफ फाइनल में 153 किमी की रफ्तार से गेंदबाजी की थी।लगातार 150 की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले आरोन ने इंग्लैंड के खिलाफ 2011 में मुंबई में वनडे में पदार्पण किया। इसके बाद 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया।
लेकिन लगातार चोटों से प्रभावित रहने के बाद 2015 के बाद भारत के लिये नहीं खेल सके। उन्होंने भारत के लिये नौ टेस्ट और नौ वनडे खेले। उन्होंने पिछले साल लाल गेंद के क्रिकेट से विदा ले ली थी। अपने कैरियर के दौरान उन्हें कमर में आठ और पैर में तीन फ्रेक्चर हुए।टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 52 की औसत से 18 विकेट लिए। वहीं एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 6.6 की इकॉनोमी के साथ 38 की औसत से 11 विकेट लिए हैं।
उन्होंने कहा , इतने साल में मैने कैरियर के लिये खतरा बनी अनेक चोटों से उबरने में शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी मेहनत की, बार बार वापसी की और इसके लिये मैं अपने फिजियो, ट्रेनर और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के कोचों को धन्यवाद देता हूं।
आरोन ने कहा , अब मैं अपने जीवन की छोटी छोटी खुशियों का लुत्फ उठाना चाहूंगा लेकिन खेल से भी जुड़ा रहूंगा जिसने मुझे सब कुछ दिया है। तेज गेंदबाजी मेरा पहला प्यार रहा है और हमेशा मेरे जीवन का अहम हिस्सा रहेगी।