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Last Updated : शनिवार, 21 अगस्त 2021 (18:16 IST)

बंदूक लेकर अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के दफ्तर पहुंचे तालिबानी, यह है मायने

बंदूक लेकर अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के दफ्तर पहुंचे तालिबानी, यह है मायने - Talibani Ultras thong at Afghanistan cricket board office with guns
तालिबान के बारे में यह कहा जा रहा था कि वह इस बार उदारवादी है और कई मसलों में अपनी कट्टरवादी सोच का बदलाव किया है। लेकिन आज एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आयी जिससे यह अंदाजा लगता है कि तालिबान शायद भरोसे के लायक नहीं है। (फोटो सौजन्य- ट्विटर)
 
मुल्क में हालात खराब हो चुके हैं और तालिबान पूरे मुल्क पर कब्जा जमा चुका है। भले ही अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ हामिद शिनवारी कर चुके हों तालिबान का खेल खासकर क्रिकेट की तरफ नरम रुख है। लेकिन आज की यह तस्वीर देखकर तालिबान के इरादों पर शक होना लाजमी है।
 
आज तालिबानी सरगना अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के दफ्तर पहुंचे। सभी तालिबानी कट्टरपंथियों के हाथ में बंदूके थी। इस वाक्ये की तस्वीरें ली गई और पल भर में ही यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

दरअसल अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व मीडिया मैनेजर इब्राहिम मोमंद ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक फोटो अपलोड किया है। इसमें तालिबानी कट्टरपंथी एक हॉल में बैठे है। उनके साथ अफगानिस्तान के पूर्व गेंदबाज अब्दुल्लाह मजारी भी साथ में दिख रहे है।

अब देखने वाली बात है कि जब हथियार को तालिबानी बोर्ड में लाने से नहीं हिचक रहे तो वह क्रिकेट के लिए क्या कदम उठाएंगे।
 
अगर यह मान भी लिया जाए कि वह क्रिकेट के लिए कोई बैर नहीं रखेंगे और इसे सुचारू रूप से चलने देंगे। तो भी किस किस्म का क्रिकेट अफगानिस्तान में जिंदा बचता है यह बड़ा सवाल है। 
 
हो सकता है क्रिकेटर्स को तालिबान दबा के रखे। क्रिकेटर्स उनकी हां में हां मिलाए। क्रिकेटर्स को किसी भी बात में ना कहने का अधिकार ना हो। ना कहने पर करियर के साथ साथ जान से भी हाथ धोने का खतरा मोल लेना पड़ सकता है।
 
इसके अलावा ऐसा भी हो सकता है कि तालिबान की पसंद की टीम अब अफगानिस्तान की राष्ट्रीय टीम के तौर पर उतरे जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की हो ही ना। सिर्फ उन खिलाड़ियों को मौका मिले जिनके सिर पर तालिबान का हाथ है। 
यह लोकतंत्र और अफगानिस्तान क्रिकेट दोनों के लिए ही एक खतरनाक विचार लग रहा है। लेकिन हालात के मुताबिक इन घटनाओं के होने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।

अफगानिस्तान का अगला दौरा पड़ोसी पाकिस्तान टीम से है। यह सीरीज कोलंबो, श्रीलंका में खेली जानी है। लेकिन अभी तक इस सीरीज को लेकर अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (जो अब तालिबान के अधीन है) ने अपना रख स्पष्ट नहीं किया है।
 
यह सीरीज होती है या नहीं होती इससे अफगानिस्तान क्रिकेट का भविष्य तय होगा।(वेबदुनिया डेस्क)
 
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