• Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. समाचार
  4. Shubman right choice for test captaincy? Know Why Jasprit Bumrah KL Rahul not selected IND vs ENG TEST SERIES
Written By WD Sports Desk
Last Updated : शनिवार, 24 मई 2025 (15:04 IST)

क्या शुभमन गिल हैं टेस्ट कप्तानी के लिए सही विकल्प? बुमराह और केएल राहुल क्यों रह गए पीछे?

is shubman gill the right captain hindi news
Indian Test Cricket Team : रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारतीय क्रिकेट में एक नया युग शुरू होने जा रहा है। इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज (20 जून 2025 से शुरू) के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने शुभमन गिल (Shubman Gill) को कप्तान बनाया है, लेकिन जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) और केएल राहुल (KL Rahul) जैसे दिग्गजों को मौका क्यों नहीं मिला? आइए, इस सवाल का विश्लेषण करें और भारतीय टेस्ट कप्तानों के ऐतिहासिक रिकॉर्ड पर भी नजर डालें।


 
शुभमन गिल: कप्तानी के लिए राइट चाइस
25 वर्षीय शुभमन गिल ने हाल के वर्षों में भारतीय क्रिकेट में अपनी जगह पक्की की है। उन्होंने आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटंस को अपनी कप्तानी में प्लेऑफ तक पहुंचाया, जो उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। गिल ने पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत की कप्तानी की है और वनडे में उप-कप्तान के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी है। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और शांत स्वभाव उन्हें एक आधुनिक कप्तान के रूप में उपयुक्त बनाता है।
 
 
हालांकि, गिल की टेस्ट बल्लेबाजी का रिकॉर्ड विदेशी पिचों पर उतना प्रभावशाली नहीं रहा। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 12 पारियों में उनका औसत मात्र 19 रहा, बिना किसी अर्धशतक के। इंग्लैंड में भी, उन्होंने 3 टेस्ट की 6 पारियों में 14.66 की औसत से केवल 88 रन बनाए। फिर भी, चयन समिति और मुख्य कोच गौतम गंभीर का गिल पर भरोसा उनकी दीर्घकालिक योजनाओं का हिस्सा हो सकता है। गिल की उम्र (25 वर्ष) और सफेद गेंद प्रारूपों में उनकी कप्तानी का अनुभव उन्हें एक युवा कोर के नेतृत्व के लिए उपयुक्त बनाता है।

 
गुजरात टाइटंस के सहायक कोच आशीष कपूर ने गिल को "सोच-समझकर खेलने वाला क्रिकेटर" बताया, लेकिन यह भी कहा कि उनकी टेस्ट कप्तानी की सफलता का आकलन करना जल्दबाजी होगी। गिल की रणनीतिक सोच और खेल के प्रति समझ उन्हें एक आशाजनक विकल्प बनाती है, लेकिन क्या वह टेस्ट क्रिकेट के दबाव को झेल पाएंगे, यह देखना बाकी है।



 
जसप्रीत बुमराह क्यों नहीं बने कप्तान? 
जसप्रीत बुमराह, जिन्होंने पर्थ टेस्ट 2024 में भारत को जीत दिलाई, टेस्ट कप्तानी के लिए स्वाभाविक दावेदार थे। उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की है और उनकी रणनीतिक समझ को कई पूर्व क्रिकेटरों, जैसे वसीम जाफर और एमएसके प्रसाद, ने सराहा है। बुमराह की गेंदबाजी में नेतृत्व और उनकी शारीरिक स्थिति को समझने की क्षमता उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है, लेकिन बुमराह की फिटनेस एक बड़ी बाधा रही। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पीठ की चोट के कारण वह चैंपियंस ट्रॉफी और आईपीएल के शुरुआती मैचों से चूक गए। चयन समिति एक ऐसे कप्तान की तलाश में है जो पूरे पांच टेस्ट खेल सके, और बुमराह की चोट का इतिहास उन्हें इस रेस में पीछे धकेल रहा है। पूर्व कोच संजय बांगड़ ने भी कहा कि बुमराह की फिटनेस के कारण उन्हें कप्तानी देने में हिचकिचाहट हो रही है, जैसा कि हार्दिक पंड्या के साथ टी20 कप्तानी के मामले में हुआ था।


 
केएल राहुल: अनुभव के बावजूद क्यों नहीं?
केएल राहुल ने दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ 2-0 की टेस्ट सीरीज जीत में भारत का नेतृत्व किया था। विदेशी पिचों पर उनका प्रदर्शन प्रभावशाली रहा है, खासकर इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में, जहां उन्होंने शतक बनाए हैं। 33 वर्ष की उम्र में, राहुल का अनुभव उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाता है, लेकिन उनकी दीर्घकालिक उपलब्धता और चयन समिति की युवा नेतृत्व की प्राथमिकता ने उन्हें पीछे धकेल दिया है। 
 
संजय बांगड़ और गगन खोड़ा जैसे पूर्व कोचों ने राहुल की कप्तानी की वकालत की, लेकिन चयन समिति का मानना है कि वह दो साल के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र के लिए दीर्घकालिक विकल्प नहीं हो सकते। इसके अलावा, राहुल की चोटों का इतिहास और हाल के वर्षों में असंगत फॉर्म भी उनके खिलाफ जा सकता है।

 
अन्य दावेदार: पंत और जडेजा
ऋषभ पंत का नाम भी कप्तानी की रेस में था, खासकर उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और SENA देशों में शानदार रिकॉर्ड (टेस्ट औसत 43.40) के कारण। हालांकि, उनकी कप्तानी का अनुभव केवल आईपीएल और घरेलू क्रिकेट तक सीमित है, और उनकी जोखिम भरी बल्लेबाजी शैली को टेस्ट कप्तानी के लिए जोखिम माना जा सकता है।
 
 
रविचंद्रन अश्विन ने रविंद्र जडेजा को एक "वाइल्डकार्ड" विकल्प के रूप में सुझाया था, जो उनकी अनुभव और ऑलराउंड क्षमता के आधार पर है। जडेजा ने 2012 में टेस्ट डेब्यू किया और चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी भी की, हालांकि वह सफल नहीं रही। अश्विन का मानना है कि जडेजा दो साल तक कप्तानी कर सकते हैं, जिससे युवा खिलाड़ियों को तैयार किया जा सकता है।

Rohit Sharma Shubhman Gill

 
विश्लेषण: गिल क्यों, बुमराह और राहुल क्यों नहीं?
 
शुभमन गिल का पक्ष:
युवा नेतृत्व: 25 वर्ष की उम्र में, गिल दीर्घकालिक कप्तानी के लिए आदर्श हैं। बीसीसीआई एक युवा कोर बनाना चाहता है, और गिल इसके केंद्र में हो सकते हैं।
 
कप्तानी का अनुभव: गिल ने टी20 और वनडे में नेतृत्व किया है, और उनकी रणनीतिक सोच को गंभीर और कपूर जैसे कोचों ने सराहा है।
 
चुनौती: विदेशी पिचों पर उनका औसत प्रदर्शन और टेस्ट में जगह पक्की न होना उनके खिलाफ है।
 
जसप्रीत बुमराह का मामला:
 
मजबूत पक्ष: बुमराह ने पहले टेस्ट कप्तानी में सफलता दिखाई है और उनकी रणनीतिक समझ को कई विशेषज्ञों ने समर्थन दिया है।
 
कमजोरी: बार-बार चोटें और वर्कलोड मैनेजमेंट की चिंताएं उन्हें कप्तानी से दूर रख रही हैं।


 
 
केएल राहुल की स्थिति:
 
मजबूत पक्ष: विदेशी पिचों पर शानदार रिकॉर्ड और कप्तानी का अनुभव।
 
कमजोरी: उम्र (33 वर्ष) और असंगत फॉर्म उन्हें दीर्घकालिक विकल्प से बाहर कर रही है।
 
शुभमन गिल को टेस्ट कप्तानी सौंपना बीसीसीआई का एक साहसिक कदम हो सकता है, जो भविष्य की ओर देख रहा है। उनकी युवा उम्र और नेतृत्व क्षमता उन्हें एक आशाजनक विकल्प बनाती है, लेकिन विदेशी पिचों पर उनके प्रदर्शन को सुधारना होगा। बुमराह की फिटनेस और राहुल की उम्र ने उनकी संभावनाओं को कम किया है, लेकिन दोनों ही नेतृत्व समूह में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। रविंद्र जडेजा जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी एक स्थायी समाधान हो सकते हैं, लेकिन गिल को प्राथमिकता दी जा रही है।
 
20 जून से शुरू होने वाली इंग्लैंड सीरीज न केवल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 की शुरुआत होगी, बल्कि यह गिल के लिए अपनी नेतृत्व क्षमता साबित करने का सुनहरा मौका भी होगा। क्या वह कोहली और रोहित जैसे दिग्गजों की विरासत को आगे बढ़ा पाएंगे? यह समय ही बताएगा।
ये भी पढ़ें
सीनियर खिलाड़ी मोहम्मद शमी को क्यों नहीं मिली टीम में जगह? अजित अगरकर ने किया खुलासा